किसान संगठन बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। किसान संगठन अपने साथ राशन लाए हैं और लंबे समय से विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं।
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में चल रहे किसानों के विरोध को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से देर रात बैठक हुई। दूसरी ओर किसान संगठनों ने सरकार के साथ बातचीत के लिए किसी भी शर्त को मानने से इनकार कर दिया है।
श्री नड्डा, अमित शाह और तोमर ने देर रात तक किसानों की रणनीति के बारे में बात की लेकिन कोई आधिकारिक विवरण उपलब्ध नहीं हो सकी। श्री अमित शाह ने किसानों के नेताओं को सड़क की नाकेबंदी खत्म करने और लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने के लिए बरारी मैदान में आने का सुझाव दिया था और कहा था कि जैसे ही ऐसा हुआ, अगले दिन किसानों के साथ बातचीत की जाएगी।
किसान संगठन विरोध स्थल पर बातचीत पर जोर
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि किसान संगठन बातचीत के लिए सरकार की किसी भी शर्त को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। किसान संगठनों की एक बैठक कल आयोजित की गई जिसमें पंजाब के 20 से अधिक किसान संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन स्थल पर बातचीत आयोजित करने पर जोर दिया।
श्री तोमर ने कहा कि सरकार खुले दिमाग के साथ किसानों से बात करना चाहती है। कृषि सुधार कानूनों का कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार ने 3 दिसंबर को बातचीत के लिए पहले ही किसान संगठनों को आमंत्रित किया है।
मन की बात कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात कार्यक्रम’ में कहा था कि कृषि सुधार कानूनों के माध्यम से किसानों को नए अधिकार और अवसर मिले हैं। संसद ने विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधार कानून पारित किया है। इन सुधारों ने किसानों के कई बंधनों को तोड़ दिया है।
सरकार पिछले दिनों किसान संगठनों के साथ दो दौर की बातचीत कर चुकी है, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया है। किसान संगठन अतीत में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, एमएसपी के वैधीकरण, प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ मुकदमों को वापस लेने और कई अन्य मांग कर रहे हैं।
राम लीला मैदान या जंतर मंतर पर विरोध-प्रदर्शन करने का किसान संगठनों का अगला कदम
किसान संगठनों और उनके कार्यकर्ता पिछले चार दिनों से दिल्ली की ओर जाने वाली प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध करते हुए दिल्ली सीमा पर फंसे हुए हैं, जिससे बड़ी संख्या में वाहन फंसे हुए हैं। कुछ किसान संगठन राजधानी के जंतर-मंतर में विरोध-प्रदर्शन करना चाहते हैं।
किसान संगठन अपने साथ राशन लाए हैं और लंबे समय से विरोध प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच, हरियाणा की खाप पंचायतों ने आज दिल्ली में किसानों के आंदोलन और मार्च का समर्थन करने का फैसला किया है। यह निर्णय कल खाप पंचायतों की बैठक में लिया गया है।
[हम्स लाईव]