सईद नूरी ने कहा है कि मुसलमानों का मानना है कि जहां भी मस्जिद स्थापित की जाती है, वह कयामत तक मस्जिद ही रहती है, बाबरी मस्जिद को वह कयामत के दिन तक मस्जिद ही मानेंगे। इसका और कोई विकल्प नहीं है
मुंबई: मुंबई शहर और उसके उपनगरों में पुलिस ने 6 दिसंबर के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया है। दूसरी ओर, मुस्लिम संगठनों ने यहां बाबरी मस्जिद विध्वंस करने की सालगिरह पर काला दिवस मनाने और अजान देने का फैसला किया है। मकुछ मुस्लिम संस्थाओं द्वारा कहा क्या गया है कि बाबरी मस्जिद ढाए जाने के दिन 6 दिसम्बर को कला दिन के रूप में मनाया जाएगा।
बाबरी मस्जिद के मिल्कियत पर राम मंदिर के निर्माण और शिलान्यास के बाद भी, रज़ा अकादमी ने स्पष्ट किया है कि बाबरी मस्जिद को वह कयामत के दिन तक मस्जिद ही मानेंगे। इसका और कोई विकल्प नहीं है। इसलिए, मुसलमानों का मानना है कि जहां भी मस्जिद स्थापित की जाती है, वह कयामत तक मस्जिद ही रहेगी। इसलिए कई वर्षों से, मस्जिद ढाए जाने के बाद से ही रज़ा अकादमी मस्जिद की बहाली और उसकी आजादी के लिए दुआ कर रही है। यह सिलसिला भविष्य में भी जारी रहेगा।
देश के इतिहास पर बदनुमा दाग
रज़ा अकेडमी के मुख्या सईद नूरी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद की शहादत का दिन विरोध के लिए काले दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह देश के इतिहास पर एक बदनुमा दाग है कि एक मस्जिद को दिन के उजाले में ठगों और गुंडों द्वारा शहीद कर दिया गया और फिर अप्रत्याशित रूप से फैसला आया। इसलिए, मुसलमानों का मानना है कि बाबरी मस्जिद आज भी यहां है और यह कयामत तक बाबरी मस्जिद ही रहेगी। इसलिए मस्जिद की आजादी के लिए 6 दिसम्बर को दुआ का आयोजन क्या जाएगा।
देशभर में अज़ान दोपहर 3:45 बजे होगी
उन्होंने कहा कि खत्री मस्जिद, मीनारा मस्जिद, नवाब अयाज मस्जिद और मुंबई ही नहीं बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी दोपहर 3:45 बजे अज़ान का आयोजन क्या जाएगा और काला दिवस भी मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला तब तक जारी रहेगा जब तक बाबरी मस्जिद को वापस नहीं लिया जाता क्योंकि आज भी मुसलमानों के लिए वहाँ एक मस्जिद है।
मुस्लिम 6 दिसंबर को काला दिवस मनाते हैं?
ऐसी स्थिति में, मुस्लिम 6 दिसंबर को काला दिवस मनाते हैं और अजान का आयोजन भी करते हैं क्योंकि (उनका कहना है) कि गुंडों ने 6 दिसंबर की दोपहर को गुंबदों पर चढ़ कर एक प्राचीन और ऐतिहासिक मस्जिद को शहीद कर दिया। उन्होंने ने कहा कि यह एक खुला आतंकवाद था जिसे देश ने इससे पहले कभी नहीं देखा था। बाबरी मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर बनाने के फैसले के बाद भी, देश के मुस्लिम संगठनों ने काले दिन और 3:45 बजे अजान देने का फैसला किया है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से बाबरी मस्जिद की यह पहली वर्षगांठ है, जिसे मुसलमानों ने काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। मुंबई में बाबरी मस्जिद की बरसी के दिन अलर्ट जारी किया गया है। सायोंग से 6 दिसंबर को बाबा साहब अंबेडकर की देहांत का दिन (पुण्यतिथि) भी है।
गौरतलब है कि बाबरी मस्जिद का फैसला आने के बाद देश के आम मुसलमानों ने कोई कड़ी प्रतिक्रीया जाहीर नहीं की थी। हालांकि अधिकांश मुस्लिम संगठनों ने कोर्ट के फैसले को दबी जुबान में एकतरफा बताया था।
[हम्स लाईव]