Sunday, May 28, 2023
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किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत भी रही बेनतीजा

किसान संगठनों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला।, जबकि किसान संगठनों ने कहा है कि तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किए जाने पर 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा।

नई दिल्ली: किसानों और सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकला। इस बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका। लगभग पांच घंटे तक चली यह  बैठक बेनतीजा रही।

सरकार ने अगली बैठक के लिए 9 दिसंबर का तय किया है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को नई संसद का शिलान्यास करेंगे।

कृषि सुधार कानूनों के किसान और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत उस समय तय हुआ जब किसान संगठनों ने भारत में बंद का अपील कर दबाव बढ़ा दिया है।

किसान संगठनों ने कहना है कि अगर तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं किए जाने पर 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसान संगठनों को विरोध का रास्ता छोड़ना चाहिए और बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही भारत बंद हो जाता है तो बातचीत का एक ही रास्ता निकल सकता है।

अन्य राज्यों में भी आंदोलन की शुरूआत

पिछले दस दिनों से राष्ट्रीय राजधानी में चल रहे इस आंदोलन की सफलता को देखते हुए अन्य राज्यों में भी यह आंदोलन शुरू हो गया है या राज्यों द्वारा किसानों का समर्थन किया गया है।

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ने आज से धरने प्रदर्शन की घोषणा की है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने भी किसानों के मुद्दों पर आंदोलन की घोषणा की है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कल तृणमूल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन को किसानों से मिलने के लिए भेजा और वह उनके साथ लगभग चार घंटे किसानों के रहे। इस बीच,श्रीमती बनर्जी ने कई किसान नेताओं से टेलीफोन पर बात की और उन्हें हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

राजधानी के सभी रास्तों को बंद करने की धमकी

दिल्ली सीमा पर किसानों का आंदोलन बढ़ रहा है और वह राष्ट्रीय राजधानी के सभी रास्तों को बंद करने की धमकी दे रहे हैं।

इस दौरान हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और कई अन्य राज्यों में प्रदर्शनकारी किसानों को खाद्य सामग्री की भरपूर सहायता दी जा रही है। इस आंदोलन को ट्रेड यूनियन संगठनों, परिवहन यूनियनों और कुछ अन्य लोगों का भी समर्थन मिल रहा है।

[हम्स लाईव]

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