सरकार ने किसान नेताओं के साथ बातचीत के छठे दौर में कहा कि किसानों की मांगों के बारे में एक बीच का रास्ता निकालेगा, किसानों ने कहा कृषि कानूनों को वापस लेने से ही मसला सुलझेगा
नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को प्रदर्शनकारी किसानों की मांगों पर एक समिति का गठन करने का प्रस्ताव रखा और कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए बीच का रास्ता निकालेगा।
सूत्रों के अनुसार सरकार ने किसानों के नेताओं के साथ छठे दौर की बातचीत में कहा कि किसानों की मांगों के बारे में एक बीच का रास्ता निकालना होगा। तीन कृषि सुधार कानूनों के लिए उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी हालांकि सरकार की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
सरकार ने इससे पहले महीने की शुरुआत में एक समिति का गठन करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे किसानों ने खारिज कर दिया था। बैठक से पहले हालांकि किसान नेताओं ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर जोर दिया, यह कहते हुए कि उन्होंने कुछ भी कम मंजूर नहीं है।
नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों के आंदोलन का आज 36 वां दिन है। राजधानी की सीमा पर कई राज्यों से आये बड़ी संख्या में किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।
कृषि कानूनों को वापस लेने से ही मसला सुलझेगा
कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे नेताओं ने बुधवार को सरकार के साथ शुरू हुई छठे दौर की बातचीत से पहले स्पष्ट तौर पर कहा कि इस मसले का हल तीनों कानूनों को रद्द करने से ही निकलेगा।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान तीनों नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी जामा पहनाये जाने पर ही अपना आंदोलन समाप्त करने को राजी होंगे। उन्होंने कहा कि इस गतिरोध को समाप्त करना अब सरकार के हाथ में है।
यह पूछे जाने पर कि उनकी आगे की क्या रणनीति है, उन्होंने कहा कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी गयीं तो आंदोलन को तेज किया जायेगा और अब अधिक प्रदर्शन किये जायेंगे।
किसानों और सरकार के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू होने से पहले उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे।
गौरतलब है कि सरकार ने किसानों के साथ छठे दौर की बातचीत के लिए 40 किसान संगठनों को आमंत्रित किया है जिनके साथ राजधानी के विज्ञान भवन में बातचीत जारी है। बैठक से पहले केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और नरेंद्र तोमर ने गुरुद्वारा से लाए गए लंगर को किसानों के साथ खाया।
[हम्स लाईव]