राज्यपाल के खिलाफ पत्र ऐसे समय में लिखा गया है जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और बंगाल में राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण है। राज्यपाल को पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए देखा जा रहा है
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के पांच सांसद ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग करते हुए कहा है कि राज्यपाल राजनीतिक पूर्वाग्रह के साथ काम कर रहे है और संविधान का खुलेआम उल्लंघन कर रहे है।
राष्ट्रपति को पत्र लिखने वालों में सांसद संदीप बंधु पाध्याये, डेरेक ओ ब्रायन, कल्याण बनर्जी, सुखिंदर शेखर राय और काकोली घोष दस्तिदार ने संयुक्त रूप से पत्र पर हस्ताक्षर किए। पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल राज्य सरकार के मिशन को लगातार अस्थिर कर रहे है।
राज्यपाल के खिलाफ पत्र ऐसे समय में लिखा गया जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और बंगाल में राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण है। राज्यपाल को बंगाल सरकार की आलोचना करते हुए देखा जा रहा है।
सांसदों ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्यपाल लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बयान और ट्वीट कर रहे है। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। ऐसी प्रवृत्तियाँ संवैधानिक प्रमुख को सुशोभित नहीं करती हैं। एक राजनीतिक दल के समर्थन में राज्यपाल का खुला कदम देश के संघीय ढांचे के लिए हानिकारक है। पत्र में कहा गया है कि राज्यपाल चुनाव आयोग और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक जैसे स्वतंत्र निकाय को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्यपाल का ममता बनर्जी से माफी मांगने की मांग गंभीर अपराध
इस महीने की शुरुआत में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडा के काफिले पर हमले को लेकर ममता बनर्जी से माफी मांगना राज्यपाल के लिए एक अनुचित और गंभीर गलती है।
पत्र में लिखा गया है कि राज्यपाल ने राज्य विधानसभा को भी नहीं माफ किया है। वह पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित कई विधेयकों पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर रहे हैं। वह इतना ही नहीं वे बिल पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, वह स्पीकर से स्पष्टीकरण भी मांग रहे हैं। ऐसा करके वह विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय का अपमान कर रहे हैं। यह राज्य विधानसभा की संप्रभुता का सीधा अपमान है।
पिछले साल जुलाई में पदभार संभालने के बाद से वह राज्यपाल ममता बनर्जी और उनकी सरकार के आलोचक रहे हैं। दोनों के बीच का रिश्ता बेहद तनावपूर्ण है। दूसरी ओर, इस पूरे मामले में राज्यपाल का समर्थन करते हुए कैलाश विजय वर्गी ने कहा है कि राज्यपाल अपने संवैधानिक मापदंडों के अनुसार काम करते हैं। तृणमूल कांग्रेस इससे डरती है। कैलाश विजय वर्गी ने कहा है कि “मुझे नहीं लगता कि राज्यपाल को सांसदों के पत्र से हटाया जाएगा।”
[हम्स लाईव]