कक्षाएं ITBP कर्मियों के ग्रॅजुएट्स द्वारा ली जा रही हैं जिनको ऐसी कक्षाओं के संचालन का अनुभव और ज्ञान है। इसके अलावा, YouTube पर विभिन्न ऑनलाइन शिक्षण वीडियो और ई-लर्निंग वेबसाइटों की मदद से..
नई दिल्ली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में कोंडागांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय स्कूली बच्चों के बीच ज्ञान के लिए ‘स्मार्ट कक्षाएं’ (smart classes) शुरू की हैं। इंटरनेट आधारित कक्षाओं को स्मार्ट क्लास कहा जाता है।
यहां 41 वीं बटालियन के जवान कंप्यूटर और प्रोजेक्टर की मदद से इंटरनेट पर उपलब्ध ऑडियो-विजुअल के जरिए बचों के बीच ज्ञान बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।
फोर्स के अधिकारियों के अनुसार, कोंडागांव जिले के माओवादी प्रभावित क्षेत्र हदेली और आसपास के गाँव में दूर स्थित गाँव के बच्चों के लिए शाम की कक्षाएं शुरू की गई हैं।
कक्षाएं ITBP कर्मियों के ग्रॅजुएट्स द्वारा ली जा रही हैं जिनको ऐसी कक्षाओं के संचालन का अनुभव और ज्ञान है। इसके अलावा, YouTube पर विभिन्न ऑनलाइन शिक्षण वीडियो और ई-लर्निंग वेबसाइटों की मदद से छात्रों को सीखने और अभ्यास करने के पर्याप्त अवसर देकर उन्हें सिखाने का काम क्या जा रहा है।
ITBP के प्रवक्ता ने कहा, “यह परिकल्पना की गई है कि रोजाना पर आधे घंटे के कैप्सूल कोर्स देने से भविष्य में छात्रों को उच्च शिक्ष लेने में सक्षम बनाएगी और बच्चों को ई-लर्निंग, ऑनलाइन कक्षाएं और वर्चुअल तरीकों को समझने में मदद मिलेगी।”
ये सभी कक्षाएं मोबाइल फोन द्वारा इंटरनेट के माध्यम से आयोजित की जाती हैं। करीबन 50 छात्रों को पहल से लाभान्वित किया जा रहा है। बदले में, इन बच्चों को पढ़ाने वाले जवानों को भी इन बच्चों द्वारा स्थानीय हबीली भाषा सिखाई जा रही है।
यह घने जंगल वाला क्षेत्र है जहां इंटरनेट सिग्नल भी ठीक से नहीं मिल पता। ITBP कर्मी अपने मोबाइल सेट को बांस / पेड़ के तने / पेड़ के माध्यम से ऊँचाई पर लटकाते हैं जहाँ उसे अच्छा नेटवर्क मिल पाए और फिर इसे वाईफाई (Wi-Fi) हॉटस्पॉट से प्रोजेक्टर के माध्यम से स्क्रीन पर लैपटॉप से जोड़ा जाता है। आवाज ब्लूटूथ स्पीकर के माध्यम से ली जाती है।
[हम्स लाईव]