केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का केंद्रीय बजट संसद में पेश किया, जिसमें दावा किया गया कि स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, लेकिन विपक्ष ने इसकी आलोचना की है जबकि कॉर्पोरेट जगत ने बजट की प्रशंसा की है
नयी दिल्ली: सरकार ने कोरोना महामारी के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 2021-22 के आम बजट में स्वास्थ्य और बुनियादी ढ़ांचे तथा विभिन्न सुधारों पर खास जोर देने का दावा क्या गया है। बजट में जहां उद्योग जगत को प्रोत्साहन मिला वहीं नौकरीपेशा को आयकर में कोई राहत नहीं मिलने से निराशा हाथ लगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में अगले वित्त वर्ष के लिए 34,83,236 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30,42,230 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया था जो संशोधित अनुमान में बढकर 34,50,305 करोड़ रुपये पहुंच गया।
बजट में पेट्रोल और डीजल
देश के इतिहास में पहली बार पेश डिजीटल बजट में पेट्रोल पर ढाई रुपये और डीजल पर चार रुपये प्रति लीटर का नया अधिभार लगाने का प्रस्ताव कर कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों को आगे बढाने की रूपरेखा रखी गयी है। कृषि क्षेत्र से इतर आमदनी वाले किसानों को भी कर के दायरे में लाया गया है।
बजट में बेरोजगारी
बजट में बेरोजगारी की विकराल समस्या से निपटने के लिए कोई बड़ी या विशेष योजना शुरू करने तथा महंगायी पर लगाम लगाने के उपायों का भी विशेष ऐलान नहीं किया गया है। बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत से बढाकर 74 प्रतिशत कर बड़ा आर्थिक सुधार किया है।
वित्तीय घाटे का अनुमान
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का अनुमान साढे तीन प्रतिशत से बढाकर साढे नौ प्रतिशत किया गया है जबकि अगले वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसे वर्ष 2025-26 तक जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम पर लाने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बदहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए इस बजट में मुख्य रूप से छह स्तम्भों पर बहुत अधिक जोर दिया गया है जिनमें स्वास्थ्य और कल्याण, वास्तविक और वित्तीय पूंजी, बुनियादी ढांचा, आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी में नवजीवन का संचार,नवोन्मेष और अनुसंधान एवं विकास तथा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि असाधारण परिस्थिति में पेश इस बजट के दिल में गांव और किसान है । उन्होंने कहा कि बजट में यर्थाथ का एहसास और विकास का विश्वास भी है। इसमें विकास के लिए नये अवसरों को व्यापक बनाने, युवाओं के लिए नयी संभावनाओं के द्वार खोलने, मानव संसाधन को नई ऊंचाई देने, नये क्षेत्रों में ढांचागत विकास करने, तकनीक को अपनाने और नये सुधारों को लाने का प्रयास किया गया है।
श्रीमती सीतारमण ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह बजट बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाला और रोजगार के अवसर बढाने वाला है। इससे अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटेगी।
श्री मोदी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह असाधारण परिस्थिति में पेश किया गया बजट है जिसमें यथार्थ का एहसास और विकास का विश्वास भी है। हमने विकास के लिए नये अवसरों को व्यापक बनाने, युवाओं के लिए नयी संभावनाओं के द्वार खोलने, मानव संसाधन को नयी ऊंचाई देने, नये क्षेत्रों में ढांचागत विकास करने, तकनीक को अपनाने और नये सुधारों को लाने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र पर जोर दिया गया है और यह आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है। यह बजट व्यक्तियों, निवेशकों, उद्योग एवं ढांचागत क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव लाएगा। इससे लोगों की प्रगति होगी और सभी क्षेत्रों का विकास होगा।
उन्होंने बजट को लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाला बताते हुए कहा कि कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था ऐसी परिस्थिति में यह बजट पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा माना जा रहा था कि कोरोना संकट के कारण आम नागरिकों पर बोझ बढ़ेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, “ कोरोना के चलते कई विशेषज्ञ यह मानकर चल रहे थे कि सरकार आम नागरिकों पर बोझ बढ़ाएगी। लेकिन राजकोषीय स्थिरता के प्रति अपने दायित्वों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बजट का साइज बढ़ाने पर जोर दिया।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आम बजट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा है कि देश के पहले डिजिटल बजट ने आत्म निर्भर भारत के निर्माण की मजबूत नींव रखी है।
रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समावेशी विकास के दृष्टिकोण से प्रेरित यह बजट भारत में तीव्र आर्थिक बदलाव लेकर आएगा।
उन्होंने कहा,“ कोविड महामारी की चुनौतियों के बीच वित्त मंत्री ने 2020 में आर्थिक पैकेज के तौर पर पांच लघु बजट पेश किए थे। यह बजट उसी श्रृंखला का बड़ा रूप है। कई मामलों में यह बजट अभूतपूर्व है जो आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करेगा।”
उन्होंने कहा कि इस बार के बजट ने आज़ाद भारत के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े पूंजीगत व्यय के लक्ष्य को निर्धारित किया है जो 5.54 लाख करोड़ रुपए है। इससे भारत 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाएगा।
रक्षा मंत्री ने कहा कि बजट में घोषित की गई नीतियां और कार्यक्रमों, भारत के किसानों, कृषि क्षेत्र, आधारभूत विकास और मानव संसाधन के पुनर्निरीक्षण में सहायक होंगी। उन्होंने देश में 100 नये सैनिक स्कूल खोले जाने के प्रस्ताव की घोषणा पर खुशी जताई।
गृह मंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पेश किए गए आम बजट को आत्मनिर्भर भारत, पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करने वाला बजट करार दिया है।
श्री शाह ने सोमवार को संसद में पेश किए गए आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते ट्विटर पर कहा,“ कोरोना महामारी में इस वर्ष का बजट बनाना निश्चित रूप से एक जटिल काम था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सर्वस्पर्शी बजट पेश किया है। यह आत्मनिर्भर भारत, पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था, किसानों की आय दोगुना करने के संकल्प का मार्ग प्रशस्त करेगा।“
उन्होंने कहा,“ कोरोना महामारी के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था रिसेटिंग मोड में है, मुझे विश्वास है कि यह बजट भारत को इस अवसर का इस्तेमाल करके वैश्विक परिदृश्य में मजबूती से उभरने में सहायक होगा और भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनेगा।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा,“ कोरोना महामारी के दौरान ही भारत ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में लम्बी छलांग लगाई है। इस बजट में “प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत” योजना 64,180 करोड़ के निवेश के साथ लायी गई है, जिससे गाँव-गाँव तक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर एवं स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचेंगी। उन्होंने कहा, “ हमारे संवेदनशील प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ के फंड की घोषणा की है। यह भारत को कोरोना मुक्त बनाने के लिए मोदी जी की संकल्प शक्ति को दर्शाता है। मैं इसके लिए मोदी जी को धन्यवाद व्यक्त करता हूं।”
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आम बजट-2021-22 में पुराने वाहनों को हटाने के लिए स्क्रैप नीति लाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे न सिर्फ ऑटाेमोबाइल क्षेत्र में तरक्की होगी, बल्कि युवाओं के लिए नौकरियों के नये अवसर भी उपलब्ध होंगे।
श्री गडकरी ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस स्क्रैप नीति की घोषणा बजट में की गयी है उसके तहत अब निजी गाड़ियां 20 और वाणिज्यिक वाहन 15 साल के बाद सड़कों पर नहीं चल सकेंगी। इस नीति के कारण वाहन निर्माण क्षेत्र में 10 हजार करोड़ रुपए का नया निवेश आएगा जिससे 50 हजार लोगों के लिए नौकरी के नये अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। श्री गडकरी ने कहा कि इस नीति के लागू होने से 20 साल से पुराने 51 लाख पुराने वाहन सड़कों से हट जाएंगे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सोमवार को कहा कि यह एक प्रगतिशील बजट है। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2021-22 को संसद में पेश करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि कोरोना महामारी ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित किया है, लेकिन भारत ने कोविड के खिलाफ इस जंग को जीता लिया है। इसके साथ ही भारत गरीबी के खिलाफ जारी अपनी जंग और देश की समृद्धि की दिशा में प्रगतिशील तरीके से आगे बढ़ रहा है।
बजट के अंतर्गत पूंजीगत व्यय में भारी वृद्धि को उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में पांच लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा का निवेश एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि, इससे बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे।
गरीब और आम आदमी की अनदेखी
वहीं विपक्ष ने बजट में गरीब और आम आदमी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने देश की संपत्ति को अपने पूंजीपति मित्रों में बांटने की पूरी व्यवस्था की है। उद्योग जगत ने बजट की प्रशंसा करते हुए इसे एक असाधारण, स्पष्ट और समग्र सोच वाला दस्तावेज बताया है। श्रमिक संगठनों ने केंद्रीय बजट को ‘कार्पोरेट लूट’ करार देते हुए कहा है कि सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों में विनिवेश पर फिर से विचार करना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बजट 2021-22 में गरीब और आम आदमी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसमें सरकार ने देश की संपत्ति को अपने मित्र पंजीपतियों में बांटने की पूरी व्यवस्था की है।
श्री गांधी ने कहा कि यह सरकार देश के जन सामान्य को खुशहाल नहीं देखना चाहती है, इसलिए उनके हित में कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उनका कहना था कि सरकार सिर्फ सार्वजनिक संपत्ति को निजी हाथों बेचने की योजना पर जोर दे रही है।
उन्होंने ट्वीट किया “मोदी सरकार लोगों के हाथों में नकदी देना भूल गयी। उसकी योजना भारत की संपत्ति को अपने चंद पूंजीपति मित्रों में वितरित करने की है।”
पूर्व केंद्रीय वित्त और गृह मामलों के मंत्री पी चिदंबरम
पूर्व केंद्रीय वित्त और गृह मामलों के मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, “जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, एफएम ने चुनावी राज्यों पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम के लिए बड़ी पूंजी की घोषणा की।”
उन्होंने कहा, “वे जानते हैं कि प्रस्ताव केवल स्पष्ट हैं और वास्तविक व्यय योजनाओं के स्वीकृत होने और कार्यान्वयन की गति के आधार पर कई वर्षों की अवधि के बाद ही होगा।”
आम आदमी पार्टी (आप) की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने भी निराशा व्यक्त की। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, “भाजपा शासित केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली को फिर से निराश किया है। दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि यह केंद्र को 1.5 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करता है।”
श्रीमती सीतारमण ने फिर से संसद में आम बजट पेश करने के लिए औपनिवेशिक ब्रीफकेस के बजाय अभिलेखों का एक पारंपरिक बहीखाता “बहती-खाता” किया।
श्रीमती सीतारमण द्वारा ब्रीफकेस में बजट पत्रों को ले जाने की औपनिवेशिक विरासत को पिछले साल तब गिरा दिया गया था, जब उन्होंने स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार एक लाल कपड़े में लिपटे हुए “बहती-खाता” में बजट पेश क्या था।
निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला यह लगातार तीसरा बजट था और 2014 में सत्ता में आई एनडीए सरकार का नौवां बजट था।