किशनगंज सीमांचल बिहार का एक पिछरा इलाका है जहां नसीरिया फाउंडेशन ने कोरोना वायरस की सावधानियों के बारे में जानकारी देने के अलावा, टीकाकरण जागरूकता अभियान चलाया और गरीबों का मुफ्त स्वास्थ्य चेकअप हुआ और दवाएं बांटी गईं।
किशनगंज: कोरोना वायरस के इस महामारी के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता पर काम करने वाली संस्था नसीरिया फाउंडेशन ने रविवार को बिहार के सबसे पिछड़े इलाके किशनगंज जिले के पनासी में एक विशाल मुफ्त मेडिकल कैम्प का आयोजन किया। इस कैम्प में कोरोना वायरस टीकाकरण से संबंधित एहतियाती उपाय पर जागरूकता अभियान चलाया गया। सैकड़ों गरीब रोगियों का चेक अप क्या गया और मुफ्त में दवाएं दी गईं और मास्क भी वितरित किए गए।
इस मेडिकल कैम्प में कई अस्पतालों ने भी अपनी मेडिकल टीमों के माध्यम से सेवाएं प्रदान कीं, विशेष रूप से सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) के शांति नर्सिंग होम और इस्लामपुर (पश्चिम बंगाल) के रॉयल मेडिकल हॉल के नाम विशेष रूप से लिए जा सकते हैं।
जिन चिकित्सा विशेषज्ञों ने मेडिकल कैम्प में भाग लिया उनमें खुद कैम्प के कार्यवाहक डाॅ० सोहेब अखतर के अलावा शफी रिजवी (न्यूरो सर्जन), डॉ० आसिफ सईद (एमबीबीएस, एमडी), डॉ० मुहम्मद अख्तर रजा (एमबीबीएस, एमएस), डॉ० गोपाल कुमार झा (एमबीबीएस जनरल फिजिशियन), डॉ० मुहम्मद असगर आलम (एमबीबीएस, जनरल फिजिशियन), डॉ० नाज़िम अख्तर (नेत्र रोग विशेषज्ञ) और डॉ० रागहीब परवेज (बाल रोग विशेषज्ञ) शामिल हैं।
डाॅ० सोहेब अखतर ने कैम्प के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “हमारा उद्देश्य गरीब रोगियों को निदान और उपचार प्रदान करना है, जो रोगी आमतौर पर मेडिकल सुविधा से वंचित होते हैं।
डॉ० सोहेब अख्तर ने कहा कि “यह एक ऐसा छेत्र है जहाँ बुनियादी मेडिकल सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए कैम्प में लगभग सभी बुनियादी जाँच की व्यवस्था की गई है।
कैम्प में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी आए जो कभी डॉक्टर के पास नहीं गए। कैम्प के कार्यकर्ताओं ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो कई रोगियों ने कहा कि वे इलाज का खर्च नहीं उठा सकते।
हर साल आयोजित होने वाले निशुल्क मेडिकल कैम्प में बड़ी संख्या में ऐसे मरीज भी होते हैं जिन्हें मधुमेह या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का पता चलता है।
मुफ्त मेडिकल कैम्प का आयोजन सिलीगुड़ी के प्रसिद्ध प्लास्टिक सर्जन डॉ० सोहेब अख्तर की देखरेख में किया गया, जिसमें विभिन्न अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमों और फाउंडेशन के वॉलनेटियारों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं।
बिहार के इस पिछड़े इलाके में ऐसे मुफ्त मेडिकल कैम्प की बहुत आवश्यकता होती है क्योंकि किशनगंज जिला का यह इलाका अत्यंत पिछड़ा है जहाँ एक भी सरकारी अस्पताल या क्लिनिक नहीं है जहाँ गरीबों का मुफ्त में इलाज किया जा सके।”
नसीरिया फाउंडेशन के एक प्रमुख सदस्य ने कहा की “किशनगंज जिला बिहार सीमांचल का एक इलाका है, जहाँ अभी भी लोगों के लिए स्वच्छ पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। लोग विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं।”
नसीरिया फाउंडेशन विभिन्न स्थानों पर मुफ्त मेडिकल कैम्प चलाता है जहां गरीब मरीजों का मुफ्त में इलाज किया जाता है। पनासी गाँव के मदरसा ग्राउंड में पिछले 5 वर्षों से हर साल मुफ्त मेडिकल कैम्प आयोजित किया जाता है जहाँ सैकड़ों रोगियों का मुफ्त में इलाज किया जाता है।
नासीरिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ० जालिस अख्तर नसीरी ने कहा, “बिहार के इस हिस्से में ऐसे मुफ्त मेडिकल कैम्पों की जरूरत पड़ती है क्योंकि किशनगंज जिले का यह इलाका काफी पिछड़ा है जहाँ एक भी सरकारी अस्पताल या क्लिनिक नहीं है जिसमे गरीबों का इलाज हो सके।
उन्होंने कहा, “इस पिछड़े इलाके में बहुत से गरीब लोग हैं जो अपनी बीमारियों के इलाज के बिना मर जाते हैं और उनके करीबी लोगों को मौत का कारण तक का पता नहीं चल पता।
कोरोना वायरस (कोविड -19) जागरूकता अभियान
पूरी दुनिया पिछले एक साल से कोरोना वायरस महामारी झेल रहा है। कोरोना वायरस के बारे में आम जनता के बीच भी अफवाहें फैल रही हैं। नसीरिया फाउंडेशन के सचिव मुफ़्ती ज़ुल्फ़कार अहमद अशरफ़ी ने कहा: “किसी भी चीज़ की जानकारी विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त की जानी चाहिए, अफवाहों से नहीं। कोरोना महामारी के बारे में अफवाहों को नज़रअंदाज़ करना और इसके विशेषज्ञों की राय का पालन करना ही उचित है।” इसके लिए, नसीरिया फाउंडेशन ने पिछले साल भर में पम्फलेट्स, छोटी कार्यशालाएँ और जनता तक सटीक सूचनाओं के ऑनलाइन प्रसार के साथ काम किया है।”
कोरोना टीकाकरण जागरूकता अभियान
जिस तरह कोरोना के बारे में कई अफवाहें हैं, ठीक उसी तरह कोरोना वैक्सीन के संबंध में भी अफवाहें चल रही हैं। नसीरिया फाउंडेशन ने सही जानकारी लोगों तक पहुचाने के लिए विभिन्न डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और अन्य विशेषज्ञों से संपर्क किया है। फाउंडेशन ने हमेशा माना है कि सूचना का स्रोत अफवाह नहीं बल्कि सही मवाद का अध्ययन और विशेषज्ञों से परामर्श करना है।
इस चिकित्सा शिवि में कोरोना महामारी और इससे बचाव के लिए सावधानियों के बारे में जानकारियाँ भी प्रदान की गईं और टीकाकरण की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने पर भी जोर दिया।
कैम्प के कार्यवाहक डॉक्टर सोहेब अख्तर ने कहा: “टीकाकरण पर अपने बयान में कहा कि टीकाकरण को लेकर हमेशा अफवाहें होती हैं। इन अफवाहों पर ध्यान न दें और अपनी बारी आने पर टीका लगवाएं। यह न केवल आपकी बल्कि आपके समाज को भी स्वस्थ रहने में मदद करेगा।”
नसीरिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ० जालिस अख्तर नसीरी ने अपने बयान में कहा कि “इससे पहले भी लोग कई तरह के टीकाकरणों के बारे में अफवाहों के शिकार हुए हैं जैसे लोग हमेशा पोलियो टीकाकरण की अफवाहों के शिकार रहे। लेकिन हमारे देश में पोलियो के खिलाफ अभियान से इसपर लगभग कंट्रोल प लिया गया है। कोरोना वैक्सीन के बारे में भी अफवाहें हैं, जिसके बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की जरूरत है। आज के मेडिकल कैम्प में हम इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी काम करेंगे।”
नसीरिया फाउंडेशन एक एनजीओ है जो कई वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता पर काम कर रहा है। इसके तहत कई सरकारी ट्रैनिंग कौरसेस भी चलते हैं और दूसरे शैक्षणिक और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी चलाए हैं। पिछले 7-8 वर्षों में सैकड़ों गरीब छात्रों को कंप्यूटर साक्षर बनाने का काम करने के अलावा गरीब छात्रों को मुफ़्त कहना, किताबें दी गई हैं और कई सेमीनार और वर्क्शाप का आयोजन क्या है।
[हम्स लाईव]