पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक 8- चरणों में चुनाव होंगे। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को एक- चरण और असम में 3- चरणों में मतदान होगा।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में 8-चरण के मतदान कराने की चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ वकील एमएल शर्मा ने याचिका दायर की है, सुप्रीम कोर्ट से आयोग के फैसले पर रोक लगाने की अपील की है क्योंकि यह अनुच्छेद 14 (जीवन का हक) और अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
26 फरवरी को, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों के चरणों की घोषणा की। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल तक 8- चरणों में चुनाव होंगे। तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल को एक- चरण और असम में 3- चरणों में मतदान होगा।
याचिका पर अगले कुछ दिनों में सुनवाई होगी। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में धार्मिक नारे लगाने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए और ऐसे नारे लगाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
याचिका में कहा गया है, जय श्री राम के नारे और अन्य धार्मिक नारे धार्मिक उत्तेजना का माहौल पैदा कर रहे हैं।” यह दंड प्रक्रिया संहिता और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनावी लाभ के लिए “जय श्री राम” जैसे नारे लगाए जाते हैं। इसलिए चुनावी मौसम के दौरान इस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
[हम्स लाईव]