निर्मला सीतारमन ने कहा, बीमा क्षेत्र की बीमार कंपनियों को काम करने का अवसर देना जरुरी है और सरकार ऐसे कदम उठा रही है जिससे इन कंपनियों का दायरा बढ़ेगा और इन को लाभ मिलेगा।
नयी दिल्ली: सरकार ने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने को आवश्यक बताया है और कहा है कि इससे इस क्षेत्र का विस्तार होगा, बड़ी आबादी को इसके दायरे में लाया जा सकेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे एवं सरकारी तथा निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों को लाभ होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लाेकसभा में “बीमा (संशोधन) विधेयक 2021” पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि यह विधेयक राज्य सभा में पहले ही पारित हो चुका है। यह विधेयक अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने तथा देश में बीमा क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए आवश्यक है।
बीमा का दायरा बढ़ रहा है और मौजूदा दौर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बीमा के दायरे में लाने की सख्त जरूरत है और यह तभी संभव हो सकता है, जब इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बीमा क्षेत्र का विस्तार किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र की सरकारी तथा निजी कंपनियों के लिए इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को बढ़ाना जरूरी है। बीमा क्षेत्र की जो कंपनियां बीमार हैं और काम करने में असमर्थ हो रही हैं, उनको बर्बाद नहीं होने देना है और उनका काम आगे बढ़ता रहे, इसके लिए उनके लिए विदेशी निवेश संजीवनी का काम करेगा।
बीमा क्षेत्र की बीमार कंपनियों को काम करने का अवसर देना समय की जरूरत है और सरकार ऐसे कदम उठा रही है जिससे इन कंपनियों को लाभ मिलेगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह संशोधन आवश्यक था और इसको लेकर संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श किया गया है और उनकी तरफ से विदेशी निवेश के लिए मिले सशक्त समर्थन को देखते हुए सरकार यह विधेयक लेकर आयी है।
उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश आने से बीमा क्षेत्र में जहां प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी वहीं लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। लोगों को बीमा राशि की प्रीमियम के साथ ही कुछ और लाभ भी मिलेंगे और प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनियों की सेवाओं में ज्यादा सुधार होगा।