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Friday, December 1, 2023

कोरोना के मद्देनजर दिल्ली में लाॅकडाउन का एक सप्ताह और बढ़ा

इंडियाकोरोना के मद्देनजर दिल्ली में लाॅकडाउन का एक सप्ताह और बढ़ा

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कोरोना के जारी कहर के मद्देनजर दिल्ली में लाॅकडाउन का एक सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है, उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अब 490 टन ऑक्सीजन आवंटित कर दिया है, लेकिन आवंटित पूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का बहुत बड़ा कारण है।

नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के जारी कहर के मद्देनजर दिल्ली में लागू लाॅकडाउन को एक सप्ताह और बढ़ाने का निर्णय लिया है जो अगले सोमवार तीन मई की सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा।

श्री केजरीवाल ने कहा कि जनता का भी यही मत है कि लाॅकडाउन बढ़ाया जाना चाहिए। छह दिनों के लिए लगाए गए लाॅकडाउन की अवधि कल सुबह पांच बजे खत्म हो रही है, जो अब अगले सोमवार (तीन मई) सुबह पांच बजे तक प्रभावी रहेगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अब 490 टन ऑक्सीजन आवंटित कर दिया है, लेकिन आवंटित पूरी ऑक्सीजन नहीं पहुंच पा रही है, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी का बहुत बड़ा कारण है।

अभी भी कोरोना का कहर जारी है और कोरोना कम नहीं हो रहा है। इसीलिए इसके मद्देनजर हम लोगों ने जनता के बीच में भी जब बात करने की कोशिश की तो सबका मत यही है कि दिल्ली में लाॅकडाउन को अभी और बढ़ाना चाहिए।

पिछले एक-दो दिन से संक्रमण दर थोड़ी सी कम हुई है। आज संक्रमण दर 30 के नीचे आई है। आज लगभग 29 पॉइंट कुछ आई है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि कोरोना खत्म होने की दिशा में जा रहा है, लेकिन यह अभी तक के तथ्य हैं।

श्री केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की काफी ज्यादा समस्या हो रही है। दिल्ली की इस वक्त जरूरत 700 टन की है और हमें केंद्र सरकार से 480 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है।

केंद्र सरकार ने कल 10 टन ऑक्सीजन आवंटित किया है और अब दिल्ली को 490 टन ऑक्सीजन आवंटित हुई है, लेकिन केंद्र सरकार से आवंटित की गई पूरी ऑक्सीजन भी अभी दिल्ली में नहीं आ रही है। इस वजह से भी ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है।

कल 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही दिल्ली पहुंची है। कोरोना की महामारी में दिल्ली को 700 टन ऑक्सीजन की जरूरत है, उसके मुकाबले में 330 से 335 टन ऑक्सीजन ही पहुंच रही है। जगह-जगह से जो ऑक्सीजन आनी है, वह ऑक्सीजन दिल्ली के अंदर पहुंच नहीं रही है।

उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ दिनों से हमारे अधिकारी, हमारे सभी मंत्री और सभी लोग रात-रात भर एक-एक अस्पताल में जहां-जहां ऑक्सीजन की कमी हुई, वहां ऑक्सीजन के आपूर्तिकर्ता से, मैन्युफैक्चरर्स से, ट्रक ड्राइवर से फोन करके कोशिश कर रहे हैं कि समय पर अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचे।

मैं यह नहीं कहूंगा कि सारी कोशिशें कामयाब रही हैं। हम लोग कई जगह असफल भी हुए और कई जगह समय पर ऑक्सीजन पहुंचाने में हमारी टीम कामयाब भी हुई। मैं उन सबका धन्यवाद करना चाहता हूं कि इतने मुश्किल समय में इतनी मेहनत कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि ऑक्सीजन इतनी इस वक्त कीमती है और इतनी कम है तो उसका मैनेजमेंट करना बहुत जरूरी है। इसलिए उसका मैनेजमेंट करने के लिए भी कल से ठोस कदम उठाना चालू किया है।

हमने एक पोर्टल बनाया है अब मैन्युफैक्चरर्स को बताना पड़ेगा कि पिछले दो घंटे के अंदर उनके यहां से कितने ट्रक निकले।

अस्पतालों को भी बताना पड़ेगा कि पिछले दो घंटे में ऑक्सीजन कितनी इस्तेमाल हो गई और कितनी बच गई है, ताकि दिल्ली सरकार को पता रहे कि कहां पर ऑक्सीजन की कमी आने वाली है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से काफी सहयोग मिल रहा है। कल भी पूरा दिन केंद्र सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के साथ हमारे अधिकारियों की टीम बैठी रही।

केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की दोनों टीमें मिल कर अच्छे से काम कर रही हैं और कोशिश की जा रही है कि जो भी सप्लाई आने में दिक्कत हो रही है, उसको दूर किया जा सके।

केंद्र सरकार से तो हमें मदद मिल ही रही है और भी जहां से भी हम लोगों को ऑक्सीजन मिल सके, ऑक्सीजन के टैंकर मिल सके, पूरे देश से और दुनिया भर से हम प्राप्त करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

कल देश के सभी मुख्यमंत्रियों को मैंने चिट्ठी लिखी है कि अगर आपके आपके राज्य में या किसी कंपनी में कोई ऑक्सीजन की संभावना हो, तो हमें ऑक्सीजन टैंकर मुहैया कराइए। कुछ एक राज्यों के साथ बातचीत भी शुरू हुई है।

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