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Monday, April 21, 2025

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाये सरकार : कांग्रेस

अर्थव्यवस्थापेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाये सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भाजपा को ‘भारतीय जनलूट पार्टी’ करार देते हुए कहा कि पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव ख़त्म होते ही उसने तेल की लूट का खेल शुरू कर दिया। मई 2014 में मोदी सरकार ने पहली बार सत्ता संभाली थी तब पेट्रोल 9.20 रुपये और डीजल 3.46 रुपये प्रति लीटर था लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में यह पेट्रोल 23.78 और डीजल 28.37 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है।

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों मे बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर सरकार पर हमला करते पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाकर इन पर उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की है।

कांग्रेस के महासचिव एवं संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला मंगलवार को यहां जारी एक वक्तव्य में भाजपा को ‘भारतीय जनलूट पार्टी’ करार देते हुए कहा कि पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव ख़त्म होते ही उसने तेल की लूट का खेल शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले आठ दिन में पेट्रोल 1.40 रुपए और डीजल 1.63 प्रति लीटर महंगा कर दिया है।

उनका कहना था कि इस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 23.78 और 28.37 रुपए प्रति लीटर बढ़ाया है और देश की जनता के हिट में इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि मई 2014 में मोदी सरकार ने पहली बार सत्ता संभाली थी तो तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर था लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में यह पेट्रोल पर 23.78 प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि 2014-15 से अब तक सरकार ने 12 बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि की और जनता से साढ़े छह साल में 21.50 लाख करोड़ रुपए वसूले हैं।

कोरोना काल में भी पेट्रोल -डीजल कीमतों में बार-बार बढ़ोतरी कर मुनाफाखोरी की जा रही है और इस काल में ही पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है।

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