राम-लक्ष्मण से नाम से जाने जाने वाले दिग्गज सगीत निर्देशक विजय पाटिल का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। राजश्री प्रोडक्शंस की ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’ (1989), ‘हम आपके हैं कौन’ (1994) और ‘हम साथ साथ हैं’ (1999) के साथ ही राम-लक्ष्मण को उनके काम के बूते राम-लक्ष्मण के रूप में जाने जाना लगा।
नागपुर: राम-लक्ष्मण से नाम से जाने जाने वाले दिग्गज सगीत निर्देशक विजय पाटिल का शनिवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से उनके आवास पर निधन हो गया। वह 78 वर्ष के थे और कुछ दिनों से बीमार थे।
संगीतकार पाटिल के पुत्र अमर ने यूनीवार्ता को यह जानकारी दी। श्री पाटिल ने छह दिन पहले काेविशील्ड कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज ली थी।
उस समय उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई। लेकिन जब वह घर पहुंचे तो उन्हें कमजोरी महसूस हाेने लगी और तबीयत बिगड़ने लगी। डॉक्टरों ने उन्हें घर आकर देखा। उनका आज तड़के दो बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
श्री पाटिल के परिवार में पत्नी शोभा पाटिल, पुत्र अमर, दो बेटी और परिवार के अन्य सदस्य और दोस्त हैं।
पाटिल को सिनेमा जगत में संगीतकार की जोड़ी में लोग राम-लक्ष्मण से जानते है जिसमें वह ‘लक्ष्मण’ और उनके जोड़ीदार सुरेन्द्र हेन्द्रे राम के रूप में जाने जाते हैं।
राम-लक्ष्मण ने राजश्री फिल्म्स ‘एजेंट विनोद’ के साथ हिंदी फिल्म जगत में शुरुआत की। दोनों ने दादा कोंडके की लगभग सभी फिल्मों के लिए संगीत दिया, दादा कोंडके ने उन्हें राम-लक्ष्मण नाम दिया था।
वर्ष 1976 में सुरेंद्र का निधन हो गया, लेकिन पाटिल ने उसी नाम से संगीत रचना का काम जारी रखा, इसे थोड़ा बदलकर राम-लक्ष्मण कर दिया। राम-लक्ष्मण एक संगीतकार, पियानोवादक, संगीतकार और गीतकार थे।
राजश्री प्रोडक्शंस की ब्लॉकबस्टर फिल्मों- ‘मैंने प्यार किया’ (1989), ‘हम आपके हैं कौन’ (1994) और ‘हम साथ साथ हैं’ (1999) के साथ ही राम-लक्ष्मण को उनके काम के बूते राम-लक्ष्मण के रूप में जाने जाना लगा। राम-लक्ष्मण ने हिन्दी, मराठी और भोजपुरी की लगभग 75 फिल्मों में काम किया।
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत कादर ऑर्केस्ट्रा से की थी और बाद में वह मुंबई आ गए थे।
[हैम्स लाइव]