विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को यहाँ जारी एक संयुक्त बयान में किसान आंदोलन के 6 माह पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का समर्थन करने की घोषणा की है।
नई दिल्ली: कांग्रेस सहित विपक्ष के बारह दलों के नेताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के बुधवार को आयोजित राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार से जिद्द छोड़कर किसानों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया है।
विपक्ष के 12 दलों ने रविवार को यहां जारी एक संयुक्त बयान में किसान आंदोलन के छह माह पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आंदोलन का समर्थन करने की घोषणा की है।
इन दलों ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जिद्द छोड़ कर किसानों की मांग पर विचार करते हुए उनसे बात करनी चाहिए।
बयान में विपक्षी दलों ने कहा कि 12 मई को उन्होंने प्रधानमंत्री को संयुक्त रूप से पत्र लिखकर कृषि कानून समाप्त करने का आग्रह किया था ताकि महामारी के इस दौर में अन्नदाता खेती कर सके।
विपक्षी दलों ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वैधानिक अधिकार देने की भी मांग की थी और इसी आधार पर किसानों के साथ फिर बात करने का केंद्र से आग्रह किया है।
विपक्ष के जिन नेताओं ने बयान पर हस्ताक्षर किए हैं उनमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, जनता दल (एस) के एच डी देवगौड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, द्रमुक के एम के स्टालिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, जेकेपीए के फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सीताराम येचुरी शामिल है।
[हम्स लाईव]