डब्ल्यूएमओ ने बताया कि अगले पांच वर्षों का वार्षिक तापमान पूर्व-औद्योगिक समय से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो सकता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिंद महासागर के तेजी से गर्म होने की वजह से भारत में अधिक तीव्रता वाले चक्रवाती तूफानों के आने की आशंका और बढ़ गयी है।
नयी दिल्ली: विश्व मौसम विज्ञान संगठन ( डब्ल्यूएमओ ) ने बताया, ग्लोबल वार्मिंग के कारण हिंद महासागर के तेजी से गर्म होने की वजह से भारत में अधिक तीव्रता वाले चक्रवाती तूफानों का आना बढ़ गया है।
इस बीच, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने चेतावनी दी है कि अगले पांच वर्षों के दौरान ग्लोबल वार्मिंग के और बढ़ने की आशंका है।
मौसम संगठन ने गुरुवार को जानकारी दी कि 40 फीसदी आशंका है कि अगले पांच वर्षों में वार्षिक औसत वैश्विक तापमान अस्थायी रूप से पूर्व-औद्योगिक समय से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर पहुंच सकता है।
मौसम संगठन ने कहा कि अभी भी पूरे अनुमान के साथ यह नहीं कह सकते कि अगले पांच वर्षों का वार्षिक तापमान पूर्व-औद्योगिक समय से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाएगा लेकिन अब ऐसा होने की आशंका दोगुनी हो गई है।
मौसम संगठन के वार्षिक अपडेट में कहा गया है कि वैश्विक तापमान को पूर्व-औद्योगिक स्तर से अधिक 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर देने के पेरिस समझौते के लक्ष्य को अब पाने की संभावना नहीं लग रही है, क्योंकि 19वीं सदी की तुलना में 2020 में वैश्चिक तापमान में 1.2 सेल्सियस की वृद्धि देखी गई।
[हैम्स लाइव]