अशोक गहलोत ने कहा कि देश में कोरोना के वैरिएंट्स होने तथा तीसरी लहर घातक होने की बातें सामने आ रही हैं। कोरोना संक्रमण की आगामी आशंकाओं के मद्देनजर ऐसे स्टैण्डर्ड प्रोटोकाॅल तैयार किए जाएं, जिनके आधार पर भविष्य में लाॅकडाउन लगाने, अनलाॅक करने, मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता और टाइमलाइन का निर्धारण करने में आसानी हो।
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में आक्सीजन उत्पादन, वैक्सीनेशन और मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की मास्टर प्लानिंग जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए हैं।
श्री गहलोत शनिवार रात को प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने की प्रभावी रणनीति तैयार की जाए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली लहर की तरह ही दूसरी लहर में भी कोविड का बेहतरीन प्रबंधन करते हुए देशभर में उदाहरण पेश किया है।
उन्होंने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए किसी भी स्तर पर कोई कमी नहीं रहे।
अशोक गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार समुचित वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कोरोना के विभिन्न वैरिएंट्स होने तथा तीसरी लहर और अधिक घातक होने की बातें सामने आ रही हैं। इसे लेकर देश-दुनिया में हो रहे शोध और अध्ययन को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की जाए।
चिकित्सा विशेषज्ञों का एक रिसर्च ग्रुप बनाकर निरंतर ऐसे शोध और अनुसंधानों का अध्ययन किया जाए। स्थानीय स्तर पर भी कोरोना वैरिएंट्स को लेकर शोध किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य में देश-दुनिया में सेवाएं दे रहे हमारे प्रवासी चिकित्सकों का भी सहयोग लिया जा सकता है।
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की आगामी आशंकाओं के मद्देनजर ऐसे स्टैण्डर्ड प्रोटोकाॅल तैयार किए जाएं, जिनके आधार पर भविष्य में लाॅकडाउन लगाने, अनलाॅक करने, बेड की संख्या बढ़ाने और मानव संसाधन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता और टाइमलाइन का निर्धारण करने में आसानी हो।
श्री गहलोत ने कहा कि राज्य स्तर पर कोविड प्रबंधन की योजना तैयार करने के साथ जिला स्तर पर भी ‘माइक्रो प्लानिंग’ की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एलोपैथी के साथ लोगों का आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों पर भी विश्वास है। इनका भी समुचित उपयोग करने के लिए जरूरी प्रोटोकाॅल तैयार किया जाए।
चिकित्सा मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सभी जिलों में टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग तीसरी लहर को ध्यान में रखकर चिकित्सा व्यवस्थाओं को लगातार सुदृढ़ कर रहा है।
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