52 जिलों में स्थानीय स्थितियों के अनुरूप कोरोना कर्फ्यू में ढील दी गयी और प्रशासन स्थितियों पर निगाह रखे हुए है। राजधानी भोपाल में सुबह से प्रमुख बाजारों की दुकानें प्रशासनिक दिशानिर्देशों के अनुरूप खुलती हुयी दिखायी दीं।
भोपाल: मध्यप्रदेश में लगभग पौने दो माह के बाद कोरोना कर्फ्यू में आज से धीरे-धीरे रियायत देने का असर दिखायी दिया और प्रमुख दुकानें और प्रतिष्ठान खुलने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी।
सभी 52 जिलों में स्थानीय स्थितियों के अनुरूप ढील दी गयी हैं और प्रशासन स्थितियों पर निगाह रखे हुए है।
राजधानी भोपाल में सुबह से प्रमुख बाजारों की दुकानें प्रशासनिक दिशानिर्देशों के अनुरूप खुलती हुयी दिखायी दीं। मोहल्लों में भी दुकानें खुलीं।
अधिकांश व्यापारी सबसे पहले अपनी-अपनी दुकानों और प्रतिष्ठानों की सफाई करते हुए दिखे। हालाकि अभी कुछ ही दुकानें खोलने की अनुमति दी गयी है। इनमें मुख्य रूप से किराना और सेवा क्षेत्र से जुड़ी दुकानें शामिल हैं।
भोपाल में प्रमुख मार्गों पर लगाए गए बेरिकेड्स भी कम किए गए हैं।
आज लोगों की आवाजाही भी सड़कों पर दिखायी दी। पुलिस और प्रशासन नजर बनाए हुए हैं और कोरोना दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा जा रहा है।
दूसरी ओर कोरोना की दूसरी लहर की मार झेल चुके नागरिक पहली लहर की तुलना में इस बार थोड़े सजग नजर आ रहे हैं।
भोपाल में शनिवार और रविवार को कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा। इसके अलावा प्रतिदिन रात्रि आठ बजे से सुबह छह बजे तक भी कर्फ्यू लागू रहेगा।
कोरोना संक्रमण की स्थिति अब भी बनी है, लोगों से भीड़ नहीं लगाने की अपील की गयी है और कहीं पर भी छह व्यक्ति से अधिक एकसाथ उपस्थित नहीं हो सकेंगे। मॉस्क पहनना आवश्यक किया गया है।
राज्य में सबसे अधिक कोरोना मामले वाले इंदौर में भी आज से ढील के अनुरूप व्यावसायिक गतिविधियां प्रारंभ हुयीं।
वहां पर भी प्रशासन सजग नजर आ रहा है और जनभागिता के जरिए लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी तरह की खबरें ग्वालियर, जबलपुर, सागर, उज्जैन, रीवा, शहडोल, छिंदवाड़ा, खंडवा और अन्य जिलों से मिली हैं।
राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के सबसे अधिक प्रकोपकाल अप्रैल माह में औसत संक्रमण दर 25 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी, जो अब घटकर दो प्रतिशत के अंदर आ गयी है। लेकिन सरकार के समक्ष संक्रमण दर नहीं बढ़ने देने के साथ ही शून्य पर ले जाने की सबसे बड़ी चुनौती है।
इसी वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वरिष्ठ अधिकारी और मैदानी अमला स्थिति पर नजर रखकर प्रतिदिन इसकी समीक्षा कर रहे हैं।
[हैम्स लाइव]