नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ( एनडीएमसी ) की ओर से एक बयान में कहा गया कि नगरपालिका स्वास्थ्य अधिकारी (एमओएच) द्वारा विशेष टीमों के साथ नियमित जाँच अभियान चलाये जा रहे हैं, और चालान भी किए जा रहे हैं।
नयी दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के अध्यक्ष धर्मेंन्द्र ने एक समीक्षा बैठक में पालिका परिषद के स्वास्थ्य विभाग को मच्छर प्रजनन की जांच के लिए एंटी लार्वा गतिविधियों और घरेलू और वाणिज्यिक परिसरों के निरीक्षण को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
यद्यपि पिछले कुछ महीनों से चल रही सघन एन्टी लार्वा कार्यवाही के परिणाम स्वरूप इस साल डेंगू के मामले अभी तक नई दिल्ली क्षेत्र में केवल 02 मामलों के स्तर पर ही स्थिर हैं।
एनडीएमसी की ओर से एक बयान में आज कहा गया कि नगरपालिका स्वास्थ्य अधिकारी (एमओएच) द्वारा विशेष टीमों के साथ नियमित जाँच अभियान चलाये जा रहे हैं, और चालान भी किए जा रहे हैं।
पालिका परिषद की मच्छर प्रजनन जांचकर्ताओं की टीमों ने अब तक 206496 परिसरों का दौरा किया है, जिनमें से 199 परिसरों में मच्छर प्रजनन के मामले पाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि ये टीमें व्यक्तिगत रूप से पानी के कंटेनरों और जलभराव के संभावित स्थलों का निरीक्षण कर रही हैं, जहां आमतौर पर मच्छर पनपते हैं।
इस तरह के निरीक्षण में 351311 पानी के कंटेनरों में से कुल 453 लार्वा के लिए पॉजिटिव मामले पाए गए हैं और इन पर तत्काल उचित कार्रवाई भी की गई है।
नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा कुशक नाला, हसनपुर टैंक और एसटीपी प्लांट साइट आदि जैसे प्रमुख स्थानों से गाद निकालने के अलावा पानी के किसी भी ठहराव से बचने के लिए पानी की नालियों की नियमित सफाई में भी तेज़ी लाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के प्रकोप के दौरान मच्छरों के प्रजनन पर अतिरिक्त सख्त नियंत्रण रखना अनिवार्य है ताकि जलजनित रोगों से बचने के लिए मच्छरों के प्रजनन पर सख्त नियंत्रण हो।
पालिका परिषद क्षेत्र में कोई अन्य चिकित्सा आपात स्थिति को रोकने के लिये इंजीनियरिंग विभागों के प्रमुखों को भी यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए है कि क्षेत्र में निर्माण के किसी भी स्थल पर कोई मच्छर प्रजनन स्थल नहीं बनें।
पालिका परिषद क्षेत्र में मच्छर पनपने की स्थितियों की रोकथाम के लिये सावधानियों का पालन नही करके आदतन उल्लंघन करने वालों को नोटिस और चालान जारी किए जा रहे है ।
इसके साथ ही इस विषय मे जागरूकता के लिये एक गहन सूचनात्मक, शैक्षिक और प्रचार-प्रसार (आईईसी) अभियान भी प्रमुख रूप से चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से जन-जागरुकता अभियान के अंतर्गत पैम्फलेट, वेबिनार, वीडियो कॉन्फ्रेंस, आरडब्ल्यूए की गुगल मीट बैठकें और बड़े एलईडी स्क्रीन, डिजिटल वॉल्स पर ऑडियो-विजुअल संदेश प्रदर्शित किये जा रहे हैं।
लोगों को अधिक से अधिक जागरुक करने के लिए सार्वजनिक संबोधन प्रणाली (पीए सिस्टम्स) का उपयोग करते हुए नागरिकों को जल जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए लगातार सचेत किया जा रहा है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद द्वारा अब तक ऐसे उल्लंघनकर्ताओं को 495 नोटिस और 14 चालान जारी किए गए हैं, जो जलजनित रोगों की रोकथाम के लिए बार-बार बताई और समझाई जा रही सावधानियों का पालन नहीं कर रहे हैं।
पालिका परिषद ने क्षेत्र के निवासियों से अपील की है कि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घरों और आसपास लगातार सघन नियमित रूप से जलभराव का पता लगाने के लिए निरीक्षण करते रहें।
[हैम्स लाइव]