कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए हिमांशु चतुर्वेदी ने देवर्षि नारद को पत्रकार के रूप में आदि काल से जोड़ते हुए कहा कि वो पत्रकारिता के पितामह कहे जाते हैं। नारद अपनी पत्रकारिता से समाज के हर पहलू सभी को जोड़े रखते थे। पत्रकारिता का आधार जनसंवाद के मूल्यों पर आधारित होता है।
देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया में आज आदि पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व संवाद केंद्र की तरफ से एक वर्चुअल संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय इतिहास विभाग के प्रोफेसर हिमांशु चतुर्वेदी ने कहा है कि पत्रकारिता समाज को दिशा देने का कार्य करती है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री चतुर्वेदी ने देवर्षि नारद को पत्रकार के रूप में आदि काल से जोड़ते हुए कहा कि वो पत्रकारिता के पितामह कहे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि नारद अपनी पत्रकारिता से समाज के हर पहलू आम आदमी से लेकर राजा तक सभी को जोड़े रखते थे।
प्रोफेसर चतुर्वेदी ने कहा कि पत्रकारिता का आधार जनसंवाद के मूल्यों पर आधारित होता है।
जब मूल्यों का ह्रास होगा तब पत्रकारिता का आधार एवं मूल्य का ह्रास होगा।
देवर्षि नारद लोक कल्याण जागरूकता एवं प्रजा से राजा तक के बीच सेतु का कार्य करते थे।
19वीं सदी में भारतीय मूल्यों एवं परंपराओं पर बहुत आघात किया गया जिसके कारण पत्रकारिता आज एक बड़ी चुनौती बन उभरी है।
इन्हीं कारणों से पत्रकारों से समाज के लोगों की भी बहुत उम्मीदें टिकी होती है।
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