केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को यहाँ यह जानकारी देते हुए बताया कि विशेषज्ञ समूह का कारकार्य अधिसूचना जारी होने से 3 वर्ष का होगा।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने न्यूनतम वेतन सीमा और राष्ट्रीय मजदूरी दर का निर्धारण करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है।
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने गुरुवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि विशेषज्ञ समूह का कार्यकाल अधिसूचना जारी होने से 3 वर्ष का होगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक ग्रोथ के निदेशक प्रोफेसर अजीत मिश्र को समूह का अध्यक्ष बनाया गया है।
समूह के अन्य सदस्यों में कोलकाता के भारतीय प्रबंधन संस्थान के प्रोफेसर तारिक चक्रवर्ती, एनसीएईआर की वरिष्ठ फैलो डॉ अनुश्री सिन्हा, संयुक्त सचिव श्रीमति विभा भल्ला और वीवीजीएनएलआई के महानिदेशक डॉ एच श्रीनिवास शामिल हैं।
इनके अलावा श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में श्रम एवं रोज़गार मामलों के वरिष्ठ सलाहकार डीपीएस नेगी इस समूह के सदस्य सचिव होंगे।
यह विशेषज्ञ समूह केंद्र सरकार को न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय मजदूरी दर के निर्धारण के संबंध में सिफारिशें देगा। मजदूरी दर तय करने के लिए समूह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे अच्छी व्यवस्थाओं पर विचार करेगा और मजदूरी दर को तय करने के लिए वैज्ञानिक मानदंड और प्रक्रिया तय करेगा।
न्यूनतम मजदूरी के इतर समिति ने शहरी इलाकों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए रोजाना 55 रुपए का अतिरिक्त मकान किराया भत्ता की भी सिफारिश की है, जो हर महीने 1,430 रुपए बैठता है।
इससे पहले जुलाई, 2017 में राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी 10 प्रतिशत बढ़ाकर रोजाना 176 रुपए (4,576 रुपए मासिक) कर दिया था। हालांकि न्यूनतम मजदूरी की यह दर केंद्र सरकार के लिए है, राज्य सरकार के मामले में इसकी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।
[हम्स लाईव]