संघ के प्रदेश एक्जक्यूटिव सदस्य युवराज हसीजा ने कहा कि स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू करने से पूर्व राज्य सरकार को पहले नया सत्र ऑनलाइन रहेगा या ऑफलाइन, यह निर्धारित करने और ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास फीस निर्धारित करने की मांग की।
जयपुर: राजस्थान में संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार से प्रदेश में नये शैक्षणिक सत्र के शुरु होने से पहले ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास फीस निर्धारित करने की मांग की है।
संघ का कहना है कि पिछले सत्र में स्कूलों की फीस को लेकर इसी विषय पर विवाद खड़ा हुआ था जो आज भी बरकरार है।
संघ के प्रदेश एक्जक्यूटिव सदस्य युवराज हसीजा ने कहा कि स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू करने से पूर्व राज्य सरकार को पहले नया सत्र ऑनलाइन रहेगा या ऑफलाइन, यह निर्धारित करना चाहिए।
अगर सत्र ऑनलाइन रहता है तो राज्य सरकार को ऑनलाइन क्लास की फीस भी निर्धारित करनी चाहिए।
जिससे विवादों का निपटारा किया जा सके।
पिछले सत्र में निजी स्कूलों ने अभिभावकों पर ऑफलाइन क्लासों की फीस वसूली का दबाव बनाया, फीस के चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई रोकी, जिसके चलते स्कूलों और अभिभावकों के बीच विवाद खड़े हो गए जो आज भी बरकरार है।
विवाद आगे बढे ना और विद्यार्थियों की पढ़ाई रुके ना इस पर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए।
संघ प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने कहा कि तीन मई को उच्चतम न्यायालय ने फीस एक्ट 2016 को सही मानते हुए उसी के तहत 2019-20 की फीस के अनुसार फीस वसूलने के आदेश दिए थे, आदेशानुसार फीस एक्ट 2016 बोलता है कि अगर फीस को लेकर कोई विवाद अगर आता है तो उसके निपटारे के लिए डीएफआरसी के समक्ष जाना होगा, किन्तु प्रदेश में ना डीएफ़आरसी का गठन है ना आरएसआरसी का गठन है ऐसे में अभिभावकों को फीस को लेकर जो समस्याएं आ रही है उसका निपटारा कैसे संभव होगा।
उन्होंने बताया कि गत 16 मई को डीएफआरसी गठन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया था शनिवार को 20 दिन बाद डीएफआरसी गठन की मांग के लिए फिर पत्र भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि डीएफआरसी का गठन नहीं होने पर जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की जाएगी।
इसके बाद भी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया तो अदालत का सहारा लिया जाएगा।
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