Monday, May 29, 2023
Homeइंडियारेल सुरक्षा मोबाइल ऐप बन कर तैयार, चलती गाड़ी में दर्ज होगी...

रेल सुरक्षा मोबाइल ऐप बन कर तैयार, चलती गाड़ी में दर्ज होगी रिपोर्ट

आरपीएफ के एक महानिदेशक ने बताया कि कॉमन रेल सुरक्षा मोबाइल ऐप में मौका ए वारदात पर पीड़ित पक्ष के बयान एवं रिपोर्ट को ऑनलाइन दर्ज करने, सहयात्रियों के बयान दर्ज करने की सुविधा होगी जिसके आधार पर सुरक्षा बल अपनी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर पाएगा।

नयी दिल्ली: भारतीय रेलवे का एक संयुक्त रेल सुरक्षा मोबाइल ऐप तैयार हो चुका है जिससे गाड़ियों में होने वाले अपराधों की चलती गाड़ी में रिपोर्ट दर्ज कराना और उस पर शीघ्रता से नियंत्रण पाना संभव हो पायेगा।

आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने यहां एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) का यह संयुक्त ऐप बन कर तैयार हो गया है।

कोविड महामारी के कारण उसे लॉन्च नहीं किया जा सका था। जल्द ही उसे लोकार्पित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कॉमन रेलवे सिक्योरिटी ऐप में मौका ए वारदात पर पीड़ित पक्ष के बयान एवं रिपोर्ट को ऑनलाइन दर्ज करने, सहयात्रियों के बयान दर्ज करने की सुविधा होगी जिसके आधार पर सुरक्षा बल अपनी आवश्यक कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।

यात्री भी रिपोर्ट दर्ज होने के बाद आराम से घर जा सकेगा और वह ऐप पर अपनी रिपोर्ट पर कार्रवाई की निगरानी भी कर सकता है।

श्री कुमार ने कहा कि इस ऐप को कोई भी यात्री अपने मोबाइल पर लोड कर सकता है।

गाड़ियों में चलने वाले रेलवे स्टाफ और आरपीएफ एवं जीआरपी के कर्मियों के पास भी यह मोबाइल ऐप होगा।

ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा के उपायों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड काल में आरपीएफ ने करीब 6000 महिला कॉन्स्टेबुलों की भर्ती की जिससे आरपीएफ में महिला कर्मियों का अनुपात नौ प्रतिशत हो गया है।

किसी केन्द्रीय पुलिस बल में महिलाओं की सर्वाधिक संख्या है।

उन्होंने कहा कि इससे आरपीएफ के मेरी सहेली प्रोजेक्ट को बल मिला है जिसमें अकेले यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की आरक्षण चार्ट से पहचान करके ट्रेन में तैनात महिला कॉन्स्टेबुल उनसे सीट पर जा कर संपर्क करती है और उन्हें अपना नंबर दे कर सुरक्षा का आश्वासन देती है।

श्री कुमार ने कहा कि आरपीएफ ने रेलवे परिसरों में सुरक्षा को चाक चौबंद करने के लिए व्यापक योजनाएं बनायीं हैं।

इस समय तक 6094 स्टेशनों पर सीसीटीवी लगाये जा चुके हैं और वे पूरी तरह से डिजीटल निगरानी के दायरे में आ गये हैं।

सीसीटीवी कैमरों की सतत निगरानी के लिए मंडल स्तर पर कंट्रोल रूम बनाये जाने की योजना है।

एक सवाल पर उन्होंने कहा कि निजी ट्रेनों में भी सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ एवं जीआरपी संभालेगी।

निजी ट्रेनों में निजी सुरक्षा कर्मी की एक तीसरी पर्त भी होगी जो यात्रियों को नजदीकी सुरक्षा मुहैया करायेगी लेकिन अपराध होने पर जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका होगी।

उन्होंने कहा कि बड़े स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी योजना बना कर सुरक्षा सुनिश्चित करने की रूपरेखा तैयार की गयी है।

आरपीएफ ने टिकटिंग में साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए साइबर सेल स्थापित कीं हैं।

रेलवे स्टेशनों पर कुंभ जैसे आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन के मामले में विश्व भर में अनूठे आयाम स्थापित किये हैं।

आरपीएफ कर्मियाें के कोविड प्रभावित होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में 3298 जवान इस रोग से संक्रमित हुए जिनमें से 22 लोगों की मृत्यु हुई।

इस समय करीब 150 जवान अस्पताल में भर्ती हैं।

उन्होंने टीका लगवाने वाले जवानों में केवल 0.045 प्रतिशत लोग ही बीमार पड़े।

[हैम्स लाइव]

Stay Connected

1,913FansLike
502FollowersFollow
433FollowersFollow
RELATED ARTICLES

Stay Connected

1,913FansLike
502FollowersFollow
433FollowersFollow

Most Popular

Recent Comments

Would you like to receive notifications on latest updates? No Yes