उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर एक पुस्तक के विमोचन पर बोलते हुए कहा कि आबादी के कुछ वर्गों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में टीकाकरण का भय को दूर करने की जरुरत है।
चेन्नई: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को लोगों को कोविड-19 टीकाकरण का भय दूर करने और लोगों के प्रति जागरुकता की जरुरत पर जोर दिया और सभी हितधारकों से वर्ष के अंत तक पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया।
श्री नायडू ने यहां राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर एक पुस्तक के विमोचन पर बोलते हुए कहा कि आबादी के कुछ वर्गों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में टीके के भय को दूर करने की जरुरत है।
उन्हाेंने कहा कि कुछ वर्गों में टीके के भय को दूर करने की जरुरत है और टीकाकरण अभियान को सही मायने में पैन इंडिया ‘जन आंदोलन’ में बदलना चाहिए।
उन्होंने चिकित्सा जगत के लोगों से जागरूकता पैदा करने और लोगों को खुद को टीका लगवाने के महत्व के बारे में बताने के लिए आग्रह किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हर समुदाय का समर्थन महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को टीका लगाने से डर लगता है उन्हें टीके के बारे में बातने की जरुरत है कि वे ऐसा न करने से अपनी और अपने परिवार की जान काे जोखिम में डाल रहे हैं।
श्री नायडू ने केन्द्र और राज्यों से टीके अभियान की गति तेज करने के लिए ‘टीम इंडिया’ भावना से मिलकर काम करने को कहा है।
उन्होंने फिल्मी हस्तियों, खिलाड़ियों और जनप्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में नागरिक समाज के सदस्यों से अपील की कि वे टीका जागरुकता के लिए आगे आएं और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमें यह समझने की जरूरत है कि टीकाकरण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।”
उन्होेंने कहा कि देश में तेजी से टीकाकरण कोरोना महामारी को हराने की कुंजी है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत पहले ही अमेरिका के कुल टीकाकरणों की संख्या को पार कर 32 करोड़ से अधिक डोज दे चुका है।
[हैम्स लाइव]