केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत सहित सात नेताओं को राज्यपाल बनाये जाने के आज ऐलान के साथ ही सरकार के सूत्रों ने अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार एवं विभागों में फेरबदल किये जाने के संकेत दिये। राज्यसभा में नेता सदन श्री गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। राजग के सांसदों को इस सप्ताह राजधानी में रहने का संदेश दिया गया था। माना जा रहा है कि गुरुवार पूर्वाह्न नये मंत्रियों को शपथ दिलायी जा सकती है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार एवं पुनर्गठन इसी सप्ताह किये जाने की संभावना है। मंत्रिमंडल में तकरीबन 20 नये चेहरे शामिल होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत सहित सात नेताओं को राज्यपाल बनाये जाने के आज ऐलान के साथ ही सरकार के सूत्रों ने अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार एवं विभागों में फेरबदल किये जाने के संकेत दिये । राज्यसभा में नेता सदन श्री गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया है। राजग के सांसदों को इस सप्ताह राजधानी में रहने का संदेश दिया गया था। माना जा रहा है कि गुरुवार पूर्वाह्न नये मंत्रियों को शपथ दिलायी जा सकती है।
तीस मई 2019 को श्री मोदी के मंत्रिमंडल में 57 मंत्री बनाये गये थे जिनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 24 राज्यमंत्री शामिल थे। लेकिन शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के कारण श्री अरविंद सावंत और श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के निधन के कारण कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गयी है। रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी की गत वर्ष कोविड के कारण मृत्यु होने के कारण कुल मिलाकर 53 मंत्री रह गये हैं।
श्री गहलोत के हटाने के बाद पुराने मंत्रियों की संख्या 52 रह जायेगी। कुछ मंत्रियों को सरकार से हटाकर संगठन में भेजे जाने की भी चर्चा है। संविधान के मुताबिक केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सदस्यों की अधिकतम संख्या 81 हो सकती है। इस प्रकार से मंत्रिमंडल में अधिकतम 29 नये मंत्री शामिल किये जा सकते हैं।
जानकारों के अनुसार मंत्रिमंडल में तकरीबन 20 नये चेहरे शामिल किये जाने की संभावना है। जिन राज्यों में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं, उन राज्यों में सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखते हुए मंत्रिमंडल में तरजीह दी जाएगी। इसके अलावा क्षेत्रीय दलों के नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में शामिल कर राष्ट्रीय जनतात्रिक गठबंधन (राजग) को मजबूत बनाने की तैयारी है।
सूत्रों के मुताबिक भाजपा एवं सहयोगी दलों के सभी सांसदों को इस सप्ताह दिल्ली में रहने को कहा गया है। मंत्रिपरिषद में जनता दल यूनाइटेड, अन्नाद्रमुक, अपना दल और लोजपा के नए धड़े को भी जगह मिल सकती है। बिहार, असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड के उन बड़े नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है जो लंबे समय से प्रतीक्षा सूची में हैं।
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को मंत्रिपरिषद के भावी फेरबदल और विस्तार में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, छत्तीसगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरूण गांधी, भूपेन्द्र यादव, रामशंकर कठेरिया, बैजयंत पांडा, नारायण राणे, रीता बहुगुणा जोशी, हिना गावित, सुनीता दुग्गल, जामयांग सेरिंग नामग्याल, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, जदयू नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह एवं संतोष कुमार आदि के नाम चर्चा में है।
मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा तरजीह मिलने की संभावना है क्योंकि अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव है। इन्हीं रिपोर्टों के बीच गृह मंत्री अमित शाह के साथ सुश्री अनुप्रिया पटेल की मुलाकात को भी मंत्रिमंडल के विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है। उधर मध्य प्रदेश के दौरे पर गये श्री सिंधिया भी पार्टी आलाकमान का संदेश मिलने पर यात्रा बीच में स्थगित कर दिल्ली लौट आये हैं।
मोदी मंत्रिमंडल में आधा दर्जन मंत्री ऐसे हैं, जिनके पास दो से अधिक मंत्रालय हैं। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा कृषि और खाद्य प्रसंस्करण हैं। इसी प्रकार रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी तीन तीन मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं। इसके अलावा बीमार चल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपाद नायक का आयुष मंत्रालय का कामकाज खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू देख रहे हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के पास संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय हैं, जबकि श्री हरदीप सिंह पुरी आवास और शहरी विकास के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देख रहे हैं।
श्री नितिन गडकरी, श्रीमती निर्मला सीतारमण, श्रीमती स्मृति ईरानी और श्री धर्मेंद्र प्रधान के पास तो दो-दो मंत्रालय हैं।
सूत्रों ने बताया कि कई मंत्रियों के विभागों में भी परिवर्तन किया जा सकता है। इसी के साथ भाजपा के संगठन में भी परिवर्तन होने की संभावना है। कुछ मंत्रियों को संगठन में अहम जिम्मेदारी दिये जाने और संगठन से कुछ चेहरे सरकार में जाने के संकेत हैं।
[हम्स लाईव]