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Monday, September 25, 2023

महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन की 2 घटनाएं, मृतकों की संख्या हुयी 36

इंडियामहाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन की 2 घटनाएं, मृतकों की संख्या हुयी 36

रायगढ़ में भूस्खलन की दो घटनाओं में 36 लोगों की मौत। राज्य भर के पर्वतीय इलाकों में पत्थर गिरने और भूस्खलन की कई खबरों के बीच प्रभावित जिलों में बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी।

पुणे: पश्चिमी महाराष्ट्र और तटीय कोंकण इलाके में शुक्रवार को भी बारिश के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। रायगढ़ जिले के महाड तहसील में दो भूस्खलन की घटनाओं में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई है।

राज्य भर के पर्वतीय इलाकों में पत्थर गिरने और भूस्खलन की कई खबरों के बीच प्रभावित जिलों में बचाव अभियान युद्ध स्तर पर जारी है।

रिपोर्टों के अनुसार कल देर रात महाड के तैये गांव में भूस्खलन होने से लगभग 30-35 घर मिट्टी में दब गए।

खराब मौसम, भारी बारिश, जलभराव, मोबाइल नेटवर्क जैसे मुद्दों ने बचाव दल को विफल कर दिया, बचाच दल सड़कों पर गिरे हुए पत्थरों को हटाने और क्षतिग्रस्त सड़कों के बीच से दुर्घटना के स्थान पर आगे बढ़ने के लिए कड़ी मशक्क्त करते हुए दिखे।

मृतकों की संख्या में और वृद्धि होने की आशंका व्यक्त करते हुए राहत एवं पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अभी भी 15-20 लोगों का पता नहीं चल पाया है।

रायगढ़ की जिलाधिकारी निधि चौधरी ने लोगों से घरों में ही रहने की अपील करते हुए कहा कि तलिये में भूस्खलन में बचाए गए लोगों के लिए पीने के पानी और भोजन की व्यवस्था की गई है।

इस बीच, सतारा जिले में भूस्खलन में दो और लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि रत्नागिरी के बिरमानी गांव में इसी तरह की घटना में 17 अन्य लोगों के फंसे होने की खबर है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कोंकण में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक की। उन्होंने बैठक में आश्वासन दिया कि बचाव अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार की प्राथमिकता किसी भी कीमत पर लोगों की जान बचाना है।

उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि कोई जनहानि न हो। एनडीआरएफ, तटरक्षक बल, एसडीआरएफ और स्थानीय टीमों को कोविड-19 महामारी के साये में युद्ध स्तर पर काम करने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि बचाव दलों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था क्योंकि कई जगहों पर बाढ़ के पानी या चट्टानों से सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त या बह गई थीं, खासकर पहाड़ी इलाकों में गांवों और बस्तियों में।

उन्होंने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनियों के अनुसार स्थिति गुरुवार की ही तरह गंभीर बनी हुई है और अगले कुछ दिनों तक ऐसी ही स्थिति बने रहने का अनुमान है।

एनडीआरएफ की टीमों को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जो लोग बारिश में अपने घर खो चुके हैं, उनकी देखभाल के सभी इंतजाम किये जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोई भी बारिश का पूरा अनुमान नहीं लगा सकता या इस तरह भूस्खलन की भविष्यवाणी नहीं कर सकता है। वह महामारी के बावजूद संकट का मुकाबला कर रहे हैं।

श्री वडेट्टीवार ने अनुमान लगाया कि राज्य भर में भूस्खलन या बाढ़ के पानी में डूबने की विभिन्न घटनाओं में कम से कम 44 लोगों की जान चली गई।

उन्होंने कहा कि महाड जैसी तहसीलों में पूरे दिन झमाझम बारिश जारी है।

[हैम्स लाइव]

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