सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि घटना का वीडियो भी शूट किया गया है, पीठ से कहा कि अगर किसी गैंगस्टर को जमानत नहीं देने के लिए किसी की हत्या की जाती है तो देश में कोई न्यायपालिका नहीं होगी।
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन(एससीबीए) ने गुरुवार को झारखंड में एक जिला न्यायाधीश की तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से हुई मौत की जांच की मांग की।
एससीबीए ने इस मामले को पहले न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और फिर मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उठाने के बाद इसे शीर्ष अदालत में उठाया गया।
एससीबीए के अध्यक्ष अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर एक ‘बेशर्म हमला’ है।
उन्होंने यह कहते हुए कि घटना का वीडियो भी शूट किया गया है, पीठ से कहा कि अगर किसी गैंगस्टर को जमानत नहीं देने के लिए किसी की हत्या की जाती है तो देश में कोई न्यायपालिका नहीं होगी।
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में झारखंड के मुख्य न्यायाधीश से बात की है।
न्यायमूर्ति रमना ने कहा, “उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने इस मुद्दे को उठाया है और मामला अब उच्च न्यायालय में है। हम मामले से अवगत हैं और हम इस पर ध्यान देंगे। मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन भी किया गया है।”
इस घटना ने उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब सुरक्षा फुटेज में एक तिपहिया वाहन न्यायाधीश को सड़क पर टक्कर मारते हुए दिखाया गया।
कुछ हाई प्रोफाइल मामलों की सुनवाई कर रहे धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत को ‘हिट एंड रन’ की घटना माना जा रहा है।
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