टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा, “सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दे भारत के आंतरिक मामले हैं।”
संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
श्री तिरुमूर्ति ने भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की महीने भर की अध्यक्षता संभालने के बाद जम्मू-कश्मीर और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “सबसे पहले मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दे भारत के आंतरिक मामले हैं।”
उन्होंने कहा कि जब कभी भी जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पहले उठाया गया, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लगभग सभी सदस्य इस पर सहमत रहे कि यह मुद्दा परिषद में चर्चा के लिए नहीं है।
उन्होंने कहा कि 1972 का शिमला समझौता, जिसका उल्लेख स्वयं संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने किया है, यह प्रावधान करता है कि पक्षों के बीच मतभेदों का समाधान शांतिपूर्ण तरीकों और द्विपक्षीय वार्ता से निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “चूंकि पाकिस्तान ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं, हमें उम्मीद है कि वे इस पर अमल करेंगे और शिमला समझौते के प्रावधानों को लागू करेंगे।”
जम्मू-कश्मीर में लाये गये संवैधानिक परिवर्तनों पर, उन्होंने कहा, “ये संविधान के अनुच्छेद 370 सहित जम्मू-कश्मीर में अस्थायी प्रावधानों से संबंधित हैं। मैं आपको बता दूं कि परिवर्तन स्थापित संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से किये गये हैं और इन परिवर्तनों को प्रभावी करना भारत के संविधान के ढांचे के भीतर है इसलिए अनुच्छेद 370 में कोई भी बदलाव या संशोधन एकमात्र भारत सरकार का विशेषाधिकार है।”
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