केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विभिन्न जलवायु परिस्थितियों के लिए विकसित की गई 109 नई बीज किस्मों को जारी करेंगे। इन किस्मों में 23 अनाज की हैं, जिनमें चावल की 9, गेहूं की 2, जौ की 1, मक्का की 6, ज्वार की 1, बाजरा की 1, रागी की 1, छीना की 1, सांबा की 1, अरहर की 2, चने की 2, मसूर की 3, मटर की 1, मूंग की 2, और तिलहन की 7 किस्में शामिल हैं। इसके अलावा, 7 चारे की, 7 गन्ने की, 5 कपास की, 1 जूट की और 40 बागवानी की किस्में भी जारी की जाएंगी।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “उत्पादन बढ़ाना और लागत कम करना है, तो हमें अच्छे बीजों की आवश्यकता है। जलवायु परिवर्तन के चलते धरती की सतह का तापमान बढ़ रहा है, ऐसे में जलवायु अनुकूल और उच्च पैदावार देने वाले बीजों की जरूरत है, जिनसे कीटनाशकों का कम उपयोग हो। बीजों का उत्पादन और अनुसंधान बहुत महत्वपूर्ण कार्य है, जिसमें ICAR निरंतर सक्रिय है।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि हमारे वैज्ञानिकों ने ऐसी धान की किस्म विकसित की है, जो 20% कम पानी में अधिक उत्पादन देगी और कीटों का कम प्रकोप होगा। प्रधानमंत्री रविवार को ICAR के खेतों में जाकर इन फसलों को जारी करेंगे और ‘लैब टू लैंड’ के माध्यम से विज्ञान को सीधे किसानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस पहल का मकसद यह है कि अनुसंधान का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचे और उनके उत्पादन में वृद्धि हो सके।