नई दिल्ली में जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट पर पीएम मोदी का भाषण: करोड़ों को मुफ्त इलाज का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण बातें साझा कीं, जो न केवल भारत की बायोइकोनॉमी को बढ़ावा देने में मदद करेंगी, बल्कि देश को एक वैश्विक फार्मा हब के रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होंगी। यह प्रोजेक्ट भारत के जीनोम आधारभूत संरचना में एक ऐतिहासिक कदम है।
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट का उद्देश्य भारत के विविध आनुवंशिक संसाधनों का अध्ययन करना और उन्हें संरक्षित करना है। इस परियोजना के जरिए लगभग 10,000 लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है, जो वैज्ञानिकों को देश की आनुवंशिक विविधता को समझने में मदद करेगा। पीएम मोदी ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान, भारतीय वैज्ञानिकों ने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए कई सफल परियोजनाएं बनाई थीं।
जन स्वास्थ्य का सुरक्षा कवच: पीएम मोदी का आश्वासन
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने बायोइकोनॉमी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2014 में देश की बायोइकोनॉमी का मूल्य केवल 10 बिलियन डॉलर था, जो अब बढ़कर 150 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। यह न केवल आर्थिक विकास का संकेत है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत ने वैश्विक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका ग्रहण की है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भारत ने न केवल अपने लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कीं, बल्कि कई विकासशील देशों को भी मदद पहुंचाई।
उन्होंने कहा, “दुनिया आज विभिन्न वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए भारत की तरफ देख रही है। पिछले 10 वर्षों में अनुसंधान और नवाचार पर विशेष ध्यान दिया गया है।” यह रणनीति केवल चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं में सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की वैज्ञानिक अनुसंधान क्षमता को भी दर्शाती है।
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट की महत्वता
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट का महत्व इस बात में भी है कि यह बायोटेक्नोलॉजी और अनुसंधान में क्रांति लाने का कार्य करेगा। पीएम मोदी के अनुसार, “यह परियोजना जैव प्रौद्योगिकी क्रांति का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।” वैज्ञानिकों को जीनोमिक डेटा उपलब्ध कराने से विभिन्न बायोमेडिकल और स्वास्थ्य-संबंधी समस्याओं के समाधान में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन (ओएनओएस) पहल भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल लोगों को एक ही प्लेटफॉर्म पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने का अवसर देगी।
भारत का फार्मा हब बनना
भारत की फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री में वृद्धि के चलते, देश ने दुनिया में एक प्रमुख फार्मा हब के रूप में अपनी पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने बताया कि इस बढ़ती पहचान का लाभ करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान करने में हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले 10 वर्षों में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हुआ है, जिससे आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल रही है।
प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि इंडिया के वैज्ञानिकों ने न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण चिकित्सा अनुसंधान किए हैं। इसके चलते, भारत अपने जीनोमिक डेटा के साथ अब दुनिया के वैश्विक स्वास्थ्य शोध में एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभरा है।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग और भविष्य की योजनाएँ
प्रधान मंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक सहयोग का रास्ता खोलता है। देश के उच्चतम *अनुसंधान संस्थानों* द्वारा किए गए कार्यों से न केवल भारत बल्कि अन्य देशों को भी लाभ होगा।
इस दौरान, मोदी ने वैज्ञानिक समुदाय से भी अपील की कि वे इस दिशा में और अधिक अनुसंधान करें और वैश्विक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करें।
जीनोम इंडिया प्रोजेक्ट को लेकर विभिन्न देशों में रुचि दिखाई गई है और भारत ने इस पहल पर कई अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी स्थापित किए हैं।
बायोइकोनॉमी के विकास के साथ-साथ, मोदी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और अनुसंधान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बायोइकोनॉमी के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ, भारत ना केवल एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है, बल्कि दुनिया के एक महत्वपूर्ण फार्मा हब के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
प्रगति की दिशा में आगे बढ़ते रहना भारत के लिए आवश्यक है, ताकि आने वाले समय में हम एक स्वस्थ, समृद्ध और अग्रणी राष्ट्र की ओर बढ़ सकें।
अंत में, इन प्रयासों के सफल कार्यान्वयन से भारत एक ऐसा देश बनेगा, जहाँ सभी नागरिकों को सस्ती और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, जो न केवल देश के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।