इस्राइली फर्म का दावा: डीपसीक के डेटा में सुरक्षा खामी
वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, यरुशलम: हाल ही में एक बड़ी सूचना लीक का मामला सामने आया है, जिसमें चीनी एआई स्टार्टअप डीपसीक का संवेदनशील डेटा इंटरनेट पर लीक होने का आरोप लगाया गया है। इस्राइली साइबर सुरक्षा कंपनी ‘विज’ ने इस कांड को उजागर किया है और इस संबंध में अपनी जांच को साझा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, डीपसीक ने गलती से एक मिलियन से अधिक लाइनों का डेटा सार्वजनिक कर दिया, जिसमें डिजिटल सॉफ्टवेयर कीज़ और चैट लॉग शामिल हैं।
किसका डेटा लीक हुआ? क्या हुआ? कहाँ हुआ? कब हुआ? क्यों हुआ? और कैसे हुआ?
चीन की एआई कंपनी डीपसीक का डेटा लीक होने का मामला इस्राइली साइबर सुरक्षा फर्म ‘विज’ के द्वारा सामने लाया गया, जिसने कहा है कि इस जानकारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अनजाने में खुले इंटरनेट पर उपलब्ध हो गया था। यह घटना बुधवार को सामने आई, जब विज ने अपने ब्लॉग पोस्ट में इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी। इस्राइली फर्म ने बताया कि डेटा को सुरक्षित करने में डीपसीक ने त्वरित कार्रवाई की, जब उन्हें इस समस्या के बारे में चेतावनी दी गई।
दिलचस्प बात यह है कि यह डेटा लीक उस समय हुआ जब डिजिटल सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा तेज हो रही है। अमेरिका ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि डीपसीक का एआई मॉडल अमेरिकी तकनीक की चोरी पर आधारित है। यह डेटा लीक न केवल डीपसीक की सुरक्षा खामियों को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर तकनीकी सुरक्षा मानकों की आवश्यकता को भी उजागर करता है।
अमेरिका का आरोप: चीन की तकनीक पर आधारित एआई मॉडल
अमेरिका ने डीपसीक के एआई मॉडल को लेकर कठोर टिप्पणी की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि यह चुराई गई अमेरिकी तकनीक पर निर्भर करता है। पूर्व वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने सीनेटरों को संबोधित करते हुए बताया कि डीपसीक ने अमेरिकी सेमीकंडक्टर चिप्स का फायदा उठाकर एक सस्ता और शक्तिशाली एआई मॉडल विकसित किया है। इससे सुरक्षित वाणिज्यिक उपयोग में कठिनाइयाँ उत्पन्न हो रही हैं।
साइबर सुरक्षा की दिशा में नए मानकों की आवश्यकता
लुटनिक ने यह भी कहा कि अमेरिका को एआई क्षेत्र में नेतृत्व बनाए रखने के लिए साइबर सुरक्षा और तकनीकी मानकों को स्थापित करना होगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि अमेरिका वैश्विक स्तर पर अपनी श्रेष्ठता बनाए रखना चाहता है, तो उसे लाइट टच मॉडल के तहत नए मानकों का निर्माण करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसे मानक वैश्विक स्तर पर स्वीकार किए जाएं।
क्या है विज की भूमिका?
विज की रिपोर्ट के अनुसार, जब उन्होंने डीपसीक के बुनियादी ढांचे की जांच की, तो उन्हें डेटा लीक की जानकारी मिली। विज के सह-संस्थापक अमी लुटवाक ने कहा कि डीपसीक ने डेटा लीक का पता चलने के बाद तुरंत इसे सुरक्षित कर लिया। उनके दावे के अनुसार, यह समस्या इतनी गंभीर थी कि इसे खोजने में उन्हें थोसा भी समय नहीं लगा।
क्या है भविष्य का रास्ता?
इस मामले ने तकनीकी सुरक्षा में खामियों को उजागर किया है और यह दर्शाता है कि एआई और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में मानकों की कमी है। यह भी स्पष्ट है कि अन्य देशों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे डेटा लीक से बचा जा सके।
अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों को एक साझा प्रयास करना होगा ताकि तकनीकी सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। इसके लिए उन्हें मानकों को स्थापित करना होगा जो न केवल उनके स्वयं के देश के लिए बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी फायदेमंद हों।
इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी सुरक्षा का महत्व न केवल किसी एक कंपनी के लिए बल्कि समग्र प्रणाली के लिए अत्यंत आवश्यक है। तकनीकी प्रगति के साथ-साथ सुरक्षा खामियों को दूर करने के लिए मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता है।