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Tuesday, May 20, 2025

कांग्रेस और सपा ने महाकुंभ में भगदड़ पर उठाई आवाज, बिरला ने कहा- सदन चलने दें या नारे लगाएं

इंडियाकांग्रेस और सपा ने महाकुंभ में भगदड़ पर उठाई आवाज, बिरला ने कहा- सदन चलने दें या नारे लगाएं

बजट सत्र के तीसरे दिन, लोकसभा की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने महाकुंभ में हुई भगदड़ को लेकर हंगामा खड़ा कर दिया। अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को दो टूक यों कहा कि अगर जनता ने उन्हें नारेबाजी करने के लिए भेजा है तो वे वही करें, अन्यथा सदन की कार्यवाही को चलने दें। इस घटना में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई थी, जबकि विपक्ष ने आरोपी सरकार पर मृतकों का सही आंकड़ा न बताने का आरोप लगाते हुए ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘शेम शेम’ के नारे लगाए।

हंगामा: विपक्ष का मुद्दा और बिरला का संदेश

इस हंगामे की शुरुआत बजट सत्र के पहले दिन से ही हो गई थी। विपक्ष के सांसदों ने महाकुंभ में मची भगदड़ की घटना को लेकर गंभीर सवाल उठाए। शनिवार को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में हुई इस घटना में कई लोग भागदौड़ में फंस गए थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में हंगामे के बीच कहा, “यदि आप लोगों से नारेबाजी करना चाहते हैं, तो यही करें या फिर कार्यवाही को चलने दें।”

महाकुंभ: घटना का संक्षिप्त विवरण

महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है, जो हर 12 साल में हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में आयोजित होता है। इस बार प्रयागराज में मौनी अमावस्या के दिन, जब लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आए थे, तब भगदड़ मच गई। घटना की भयावहता इस बात से भी झलकती है कि प्रशासन को अस्पतालों में कई लाशें पहुंचानी पड़ीं।

बिरला का रुख: सदन की गरिमा बनाए रखें

लोकसभा अध्यक्ष ने जोर देते हुए कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है और इस दौरान सरकार की जवाबदेही तय की जा सकती है। उन्होंने सदस्यों से अनुरोध किया कि वे सदन की कार्यवाही को सुचारू रखने में मदद करें। बिरला ने समझाया कि अभिभाषण के दौरान संबंधित विषयों पर चर्चा की जा सकती है, और यह उचित समय है जब विपक्ष मुद्दों को उठाए।

विपक्ष की मांग: सरकार पर दबाव

विपक्षी दलों ने सरकार पर दबाव बनाते हुए कहा कि उन्हें इस घटना पर जवाब देने की आवश्यकता है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार ने मृतकों की सही संख्या को छिपाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में जवाबदेही तय करनी होगी।

निस्संदेह प्रासंगिकता

इस घटना ने संसद में एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है, जहां विपक्ष सरकार को जवाबदेह ठहराने का प्रयास कर रहा है। इस मामले में जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को लेकर भी गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं।

आगे की राह: सदन की कार्यवाही बनी रहे

विपक्ष के हंगामे के बावजूद, सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाने की कोशिशें जारी हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को यह समझाने का प्रयास किया कि यदि वे चाहते हैं कि संसद की गरिमा बनी रहे, तो उन्हें नारेबाजी के बजाय सदन की कार्यवाही को सुचारू करने में सहयोग देना चाहिए।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में हुई घटना को लेकर शोक व्यक्त किया था और कहा था कि शोक संतप्त परिवारों के प्रति हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

इस मामले में संसद के सदनों की कार्यवाही और विपक्ष की मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह जनता की नजर में उनकी जिम्मेदारी है। जनता के प्रति जवाबदेही और सामाजिक संकट के समय सरकार की प्रतिक्रिया का विश्लेषण आवश्यक है।

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