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Monday, April 21, 2025

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी मामले में सीबीआई की कार्रवाई: बिल्डर निदेशकों से पूछताछ जारी

इंडियानोएडा स्पोर्ट्स सिटी मामले में सीबीआई की कार्रवाई: बिल्डर निदेशकों से पूछताछ जारी

सीबीआई ने स्पोर्ट्स सिटी घोटाले में तीन मुकदमे दर्ज किए, बड़े बिल्डरों पर पड़ा शिकंजा

नोएडा में स्पोर्ट्स सिटी परियोजना के संबंध में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने **तीन** प्रमुख बिल्डिंग ग्रुपों के निदेशकों से पूछताछ की है। सीबीआई ने जनाडु एस्टेट प्रा.लि., लॉजिक्स इन्फ्रा डिवेलपर्स प्रा.लि. और लोटस ग्रीन्स को नामजद कर **एफआईआर** दर्ज की है। यह कार्रवाई 2011 से 2014 के बीच आवंटन, विकास और मंजूरी में अनियमितताओं के आरोपों के बाद की गई है। सीबीआई की जांच में शामिल निदेशकों को लगभग डेढ़ घंटे तक पूछताछ का सामना करना पड़ा। इस पूरे मामले में सीबीआई आला अधिकारियों और अन्य कंपनियों की भूमिका की भी जांच कर रही है।

**क्यों हो रही है कार्रवाई?** सीबीआई ने बताया कि यह कार्रवाई न्यायालय के निर्देशों के आलोक में की गई है। मामले में **9000 करोड़ रुपये** का घोटाला सामने आया है। इस मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं।

कौन शामिल है जांच में?

जांच में शामिल कंपनियों की सूची में जनाडु एस्टेट प्रा.लि., लॉजिक्स इन्फ्रा डिवेलपर्स प्रा.लि., और लोटस ग्रीन्स हैं। इनमें से प्रत्येक कंपनी के निदेशकों के नाम एफआईआर में शामिल किए गए हैं। उदाहरण के लिए, जनाडु एस्टेट से जुड़े बिल्डरों में **निर्मल सिंह**, **विदुर भारद्वाज**, **सुरप्रीत सिंह** आदि शामिल हैं। वहीं, लॉजिक्स इन्फ्रा डिवेलपर्स में **शक्ति नाथ**, **मीरा नाथ**, और **विक्रम नाथ** भी शामिल हैं। इस मामले में कई अन्य अज्ञात लोक सेवकों की भूमिका भी स्थापित की गई है।

सीबीआई की जांच का फोकस इन बिल्डरों द्वारा स्पोर्ट्स सिटी में की गई अनियमितताओं पर है। इसके अलावा, 84 अन्य कंपनियां भी जांच के दायरे में हैं, जिन्हें इन बिल्डरों द्वारा स्पोर्ट्स सिटी में प्लॉट में हिस्सेदारी दी गई थी।

सीबीआई के आरोप

सीबीआई ने बताया कि जनाडु एस्टेट प्रा.लि. को सेक्टर 78, 79 और 101 में भूमि आवंटित की गई थी, जिसमें प्राधिकरण को **1356.88 करोड़ रुपये** की वसूली होनी है। लॉजिक्स इन्फ्रा डिवेलपर्स के पास सेक्टर 150 में 2669.23 करोड़ रुपये बकाया हैं, और लोटस ग्रीन्स कंस्ट्रक्शन को भी सेक्टर 150 में 2969 करोड़ रुपये चुकाने हैं।

सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में आरोप हैं कि इन कंपनियों ने भूमि आवंटन में अनियमितताएं बरती हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को बड़ा नुकसान हुआ। **कैग** (कैग रिपोर्ट) ने भी अपने रिपोर्ट में इन अनियमितताओं को उजागर किया है।

अधिकारी क्या कहते हैं?

सीबीआई ने कहा, “हमने इस मामले में सभी संभावित सबूतों को इकट्ठा किया है और आगे की जांच जारी है।” इसके अंतर्गत नोएडा और दिल्ली में कई स्थानों पर छापेमारी भी की गई। सीबीआई की यह कार्रवाई इस तथ्य को दर्शाती है कि प्रशासनिक स्तर पर गड़बड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

इस मामले में बिल्डरों के साथ-साथ प्राधिकरण के अज्ञात अधिकारियों की भी जांच चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि यदि गड़बड़ियों की पुष्टि होती है, तो सभी जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार

सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के खिलाफ यह कार्रवाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर की गई है। इसके तहत विभिन्न कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए हैं। सीबीआई ने कहा कि इस मामले में जांच अभी जारी है और कई दस्तावेजों का विश्लेषण किया जा रहा है।

**As per the report by[Amar Ujala](https://www.amarujala.com/),** सीबीआई ने इस मामले में बड़े स्तर पर कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।

महत्वपूर्ण सबूतों की खोज

जांच के दौरान सीबीआई ने कई स्थानों पर छापेमारी की है, जिसमें उन्हें महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, और अन्य सबूत मिले हैं। ये सबूत इस बात की पुष्टि करते हैं कि बिल्डरों ने प्लॉट के आवंटन और विकास में अनियमितताएं की थीं।

सीबीआई अब इन सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी। इस मामले में सरकारी अधिकारियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या अधिकारियों ने जानबूझकर इन अनियमितताओं को नजरअंदाज किया था।

समय की मांग: निष्पक्ष जांच

नोएडा स्पोर्ट्स सिटी योजना एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी, जिसका उद्देश्य विश्व स्तरीय खेल सुविधाओं का विकास करना था। हालांकि, इस योजना में भष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों ने इसके महत्व को कमजोर कर दिया है। लोगों में इस मामले को लेकर चिंता का माहौल है।

जानकारी के अनुसार, सीबीआई की जांच और छापामारियों से यह संकेत मिलता है कि सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

इस स्थिति में लोगों की अपेक्षा है कि इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो, और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को सख्त सजा मिले।

इस प्रकार, नोएडा स्पोर्ट्स सिटी मामले में सीबीआई की कार्रवाइयाँ देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही हैं।

 

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