हाथरस के अय्याश प्रोफेसर के खिलाफ छात्राओं ने उठाई आवाज, 18 महीने से जारी था शोषण का खेल
हाथरस के एक कॉलेज में विद्यार्थियों के प्रति असामाजिक व्यवहार और यौन शोषण की घटनाओं का एक गंभीर मामला सामने आया है। एक प्रोफेसर, जिसका नाम रजनीश बताया जा रहा है, ने छात्राओं को महंगे गिफ्ट देकर और हंसी-मजाक से शुरू की गई बातचीत का फायदा उठाकर लगातार शोषण किया। इस मामले में छात्राएं पिछले 18 महीनों से गुमनाम पत्रों और वीडियो के माध्यम से सबूत जुटा रही थीं, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के कारण मामला बढ़ता गया।
कौन, क्या, कहाँ, कब, क्यों और कैसे?
कौन: इस घटना में आरोपी प्रोफेसर रजनीश, जो कि एक कॉलेज का सहायक प्रोफेसर है, है।
क्या: छात्राओं ने आरोप लगाया है कि प्रोफेसर ने उन्हें महंगे गिफ्ट देने के बहाने शुरू में उनके साथ मजाक किया और बाद में उनके साथ यौन शोषण किया।
कहाँ: यह मामला हाथरस जिले के एक कॉलेज का है।
कब: छात्राएं पिछले 18 महीनों से इस मामले के बारे में शिकायत कर रही थीं और पहली बार अक्तूबर 2023 में पुलिस को वीडियो सबूत भेजा।
क्यों: प्रोफेसर ने अपनी स्थिति का फायदा उठाते हुए छात्रों को डराने-धमकाने और उनके साथ यौन शोषण करने की कोशिश की।
कैसे: छात्राओं ने कई बार प्रबंधन के पास गुमनाम शिकायतें भेजीं लेकिन प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिसके कारण मामला बढ़ता गया।
प्रशासन की लापरवाही से बढ़ा मामला
जिला प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही ने इस गंभीर मामले को और बढ़ने का मौका दिया। छात्राओं ने कई बार शिकायती पत्र और वीडियो भेजे थे, लेकिन उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया। अक्सर गुमनाम पत्रों को साजिश मानकर रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। इससे प्रोफेसर का हौसला और बढ़ता गया और उसने छात्राओं के साथ शोषण जारी रखा।
छात्राओं ने जब देखा कि उनकी शिकायतें सुनी नहीं जा रही हैं, तब उन्होंने एकजुट होकर एक वीडियो तैयार किया और उसे पुलिस को भेजने का निर्णय लिया। इस वीडियो में उन्होंने प्रोफेसर की हरकतों का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने मामले में तेजी दिखाई और आरोपी प्रोफेसर को 19 मार्च 2025 को प्रयागराज से गिरफ्तार किया।
छात्राओं का साहस और एकजुटता
इस मामले में छात्राओं की साहस और एकजुटता ने उन्हें मजबूती प्रदान की। उन्होंने डर के आगे हार नहीं मानी और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई। एक छात्रा ने कहा, “हमने पहले कभी सोचा नहीं था कि हमें इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ेगा, लेकिन जब प्रोफेसर ने हमें डराना शुरू किया, तब हमने एकजुट होकर अपना विरोध जताने का निर्णय लिया।”
बाद में, जब छात्राओं की शिकायतें प्रशासन के पास पहुंचीं, तब उन्होंने एक समिति का गठन किया ताकि मामले की तहकीकात की जा सके। समिति ने छात्राओं के वीडियो और सबूतों की जांच शुरू की।
महाविद्यालय का भेजा गया गुमनाम पत्र
छात्राओं ने महाविद्यालय के प्रबंधन को भी गुमनाम पत्र भेजे थे, जिसमें उनकी शिकायतें स्पष्ट रूप से दर्ज थीं। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने इसे अनदेखा कर दिया और प्रोफेसर को चीफ प्रॉक्टर बना दिया। यह प्रोफेसर का एक और मौका था कि उसने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करना शुरू किया।
एक छात्रा ने कहा, “हम जितनी बार शिकायतें कर रहे थे, उतनी बार प्रबंधन ने प्रोफेसर को और ज्यादा बढ़ावा दिया। हमें लगने लगा था कि इसके पापों की सजा कभी नहीं मिलेगी।”
अभाव में झगड़ालू स्थिति
इस मामले में प्रशासन की लापरवाही के चलते छात्राएं एक अव्यवस्थित स्थिति में आ गईं। कई बार शिकायतें करने के बाद भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। इस स्थिति ने छात्राओं के मन में निराशा और चिंता बढ़ा दी।
जैसे ही मामला पुलिस के संज्ञान में आया, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की और रजनीश को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी उन सभी छात्राओं के लिए एक तरह की जीत थी, जिन्होंने अपनी आवाज उठाने में हिम्मत दिखाई थी।
अंत में एक सख्त संदेश
यह मामला न केवल हाथरस जिले के लिए, बल्कि समस्त शिक्षा प्रणाली के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह दर्शाता है कि छात्राएं अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकती हैं, भले ही उन्हें कितनी भी बाधाओं का सामना करना पड़े। प्रशासन को भी चाहिए कि वह इस तरह के मामलों को गंभीरता से ले और उन्हें समय पर सुलझाने का प्रयास करे।
इस घटना से जुड़े और अधिक जानकारियों के लिए आप[अमर उजाला](https://www.amarujala.com) और[दैनिक जागरण](https://www.jagran.com) का अनुसरण कर सकते हैं।
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