न्यायमूर्ति की पीठ ने पीटर म्यालीपरम्पिल की टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर को हटाने की याचिका खारिज किया और उन पर तुच्छ याचिका पेश करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
तिरुवनंतपुरम: केरल उच्च न्यायालय ने कोविड -19 टीकाकरण प्रमाणपत्र से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हटाने की मांग को लेकर प्रस्तुत याचिका मंगलवार को खारिज कर दी.
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन की एकलपीठ ने 62 साल के आरटीआई एक्टिविस्ट और नेशनल कैंपेन फॉर द पीपल्स राइट टू इंफॉर्मेशन (एनसीपीआरआई) के प्रदेश समन्वयक पीटर म्यालीपरम्पिल की याचिका खारिज करते हुए उन पर तुच्छ याचिका पेश करने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा कि जब याचिकाकर्ता को यह भी पता होना चाहिए कि यदि तुच्छ याचिकाएं दायर की जाती हैं, तो न्यायालय उन्हें स्वीकार नहीं करेगा.
आपराधिक मामलों में हजारों दोषी व्यक्ति जेल में हैं.
हमारा देश उनकी अपील सुनने की प्रतीक्षा कर रहा है.
हजारों लोग अपने वैवाहिक विवादों के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
हजारों लोग अपने संपत्ति विवादों के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
ऐसी स्थिति में इस न्यायालय को उन मुकदमों पर जल्द से जल्द विचार करना होगा और यह न्यायालय हर दिन ऐसा कर रहा है.
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह घोषित करने की मांग की थी कि उसके (याचिकाकर्ता) के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री की तस्वीर चिपकाना उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है.
याचिका में यह भी कहा गया कि कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान को प्रधानमंत्री के प्रचार अभियान में बदला जा रहा है.