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Friday, August 22, 2025

ओवैसी के बाद अब मायावती ने भी यूपी के मदरसों के सर्वे पर उठाये सवाल

इंडियाओवैसी के बाद अब मायावती ने भी यूपी के मदरसों के सर्वे पर उठाये सवाल

20 अक्टूबर 2022 को यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है. 1 महीने 5 दिन तक हुए सर्वे में प्रदेश में करीब 7500 मदरसे ऐसे मिले हैं, जिनकी मान्यता नहीं है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने राज्य के मदरसों का सर्वे करा कर निजी मदरसों को गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये जाने पर योगी सरकार की कार्रवाई को सवालों के घेरे में खड़ा करते हुए बुधवार को कहा कि गैर सरकारी मदरसे यदि सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं तो फिर इनमें दखल क्यों दिया जा रहा है.

मायावती ने मदरसों की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट कर कहा, “यूपी सरकार द्वारा विशेष टीम गठित करके लोगों के चन्दों पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के बहुचर्चित सर्वे का काम पूरा, जिसके अनुसार 7,500 से अधिक ‘गैर-मान्यता प्राप्त’ मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं. ये गैरसरकारी मदरसे सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते तो फिर इनमें दखल क्यों?”

उन्होंने पूछा कि क्या सरकार गैर मान्यता प्राप्त घोषित किये गये निजी मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करेगी, जिस प्रकार बसपा सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “जबकि सरकारी मदरसा बोर्ड के मदरसों के टीचर व स्टाफ के वेतन आदि के लिए बजट प्रावधान हेतु खास तौर से सर्वे कराया जाता है, तो क्या यूपी सरकार इन प्राइवेट मदरसों को अनुदान सूची में शामिल करके उन्हें सरकारी मदरसा बनाएगी? बीएसपी सरकार ने 100 मदरसों को यूपी बोर्ड में शामिल किया था.”

गौरतलब है कि योगी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के मदरसों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करने का हवाला देकर इनका सर्वे कराया है. सर्वे रिपोर्ट में प्रदेश के 7500 से अधिक निजी मदरसे गैर मान्यता प्राप्त श्रेणी में शामिल बताये गये हैं. ऐसे में सभी की नजरें अब इन मदरसों के बारे में सरकार के अगले कदम पर टिकीं हैं.

कांग्रेस पर हमला

मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी पहले की सरकारों में ‘मदरसा आधुनिकीकरण’ के नाम पर वहां के छात्रों को उनकी पसंद की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने के बजाय उन्हें ड्राइविंग, मकैनिक और कारपेंटर की ट्रेनिंग दी गई. पहले की कांग्रेस सरकार में छात्रों की तालीम उन मदरसों का भी अपमान किया और अब आगे देखिए बीजेपी सरकार में क्या होता है?

सपा के वोटर्स पर निशाना

यूपी में मुस्लिम वोटर्स को सपा को कोर वोटर माना जाता है. मायावती पिछले विधानसभा चुनाव से लगातार सपा को मुस्लिम विरोधी बता रही हैं. उनके आरोप रहे है कि सपा को सिर्फ मुस्लिमों के वोट लेती है, लेकिन उनका साथ नहीं देती है. बसपा ने आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में गुड्डू जमाली मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर सपा की जीत के समीकरण को बिगड़ते हुए मुस्लिमों को एक होने का ऐलान भी किया था.

आज़म खान पर हो रहे मुकदमे और कार्रवाई पर भी मायावती ने खुलकर बयानबाजी की है. उनके समर्थन में ट्वीट कई बार ट्वीट भी किए हैं. बहुजन समाज पार्टी लगातार मुस्लिमों को जोड़ने के साथ-साथ मुस्लिमों के बीच में लोकसभा 2024 के चुनाव को लेकर तैयारी कर रही है.

मायावती ने कहा कि यूपी सरकार ने विशेष टीम गठित करके लोगों के चंदे पर आश्रित प्राइवेट मदरसों के सर्वे का काम पूरा किया गया. जिनके अनुसार 7500 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त मदरसे गरीब बच्चों को तालीम देने में लगे हैं. यह गैर सरकारी मदद से सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते हैं.

सर्वे में क्या पाया गया

बता दें कि 20 अक्टूबर 2022 को यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो गया है. 1 महीने 5 दिन तक हुए सर्वे में प्रदेश में करीब 7500 मदरसे ऐसे मिले हैं, जिनकी मान्यता नहीं है. सबसे ज्यादा मुरादाबाद में 585, बस्ती में 350 और मुजफ्फरनगर में 240 मदरसे बिना मान्यता मिले हैं. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां पर 100 मदरसों की मान्यता नहीं है. यानी लखनऊ से पांच गुना ज्यादा मदरसे मुरादाबाद और तीन गुना ज्यादा बस्ती जिले में हैं.

इसके अलावा, प्रयागराज-मऊ में 90, आजमगढ़ में 95 और कानपुर में 85 से ज्यादा मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले हैं. वहीं पूरे प्रदेश में मदरसा शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्यार 16513 है. 15 नवंबर तक सभी जिलाधिकारी शासन को मदरसा सर्वे की रिपोर्ट सौंपेंगे.

मदरसा सर्वे प ओवैसी की प्रतिक्रीया

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने इसे छोटा NRC करार दिया है. ओवैसी ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि देश में मुसलमानों को बदनाम करने के लिए यह किया जा रहा है. अगर उत्तर प्रदेश की सरकार एक पॉजिटिव माइंडसेट के साथ सर्वे कर रही है तो उसे चाहिए था कि विद्या मंदिर, सरस्वती शिशु मंदिर और यूपी के बाकी गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूल्स का सर्वे भी करवाती.
लेकिन इसकी बजाय एक विशेष समुदाय के उन मदरसों का सर्वे करा रहे हैं जिन्हें सरकार से पैसा नहीं मिलता. मदरसों को टारगेट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का पिछड़ापन मदरसों की वजह से नहीं बल्कि भाजपा और आरएसएस की गलत सोच की वजह से है.

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