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Friday, August 22, 2025

भारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान खोज रहा है: पीएम मोदी

इंडियाभारत वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए समाधान खोज रहा है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 3 अगस्त को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र (एनएएससी) परिसर में आयोजित 32वें अंतरराष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन (आईसीएई) में भारत की वैश्विक खाद्य एवं पोषण सुरक्षा के समाधान तलाशने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि 65 वर्षों के बाद भारत में फिर से इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण, बढ़ती उत्पादन लागत और संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए टिकाऊ कृषि की आवश्यकता पर जोर देना है। इसमें 75 देशों के लगभग 1,000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

पीएम मोदी ने भारतीय कृषि की प्राचीन मान्यताओं और खाद्यान्न के औषधीय गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के कृषि नियोजन में सभी छह मौसमों की प्रासंगिकता है। उन्होंने 15 कृषि-जलवायु क्षेत्रों की विशिष्टताओं पर चर्चा की और बताया कि भारत में विभिन्न क्षेत्रों में कृषि उपज कैसे बदलती है। पीएम मोदी ने कहा, “चाहे वह खेतों की जमीन हो, हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं हों, रेगिस्तान, जलविहीन क्षेत्र या तटीय क्षेत्र, यह विविधता वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और भारत को दुनिया में एक आशा की किरण बनाती है।”

भारत दूध, दाल और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक

पीएम मोदी ने 65 साल पहले भारत में आयोजित पिछले अंतरराष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्री सम्मेलन की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय भारत एक नया स्वतंत्र राष्ट्र था और खाद्य सुरक्षा एक बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि आज भारत एक खाद्य अधिशेष देश है और दूध, दालों और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके अलावा, भारत खाद्यान्न, फल, सब्जियां, कपास, चीनी, चाय और खेती की गई मछली का भी दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

भारत के छोटे किसान हैं खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत

पीएम मोदी ने ‘विश्व बंधु’ की अवधारणा के तहत वैश्विक कल्याण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’, ‘मिशन लाइफ’ और ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ जैसे विभिन्न मंत्रों का उल्लेख किया, जो भारत ने वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत किए हैं। पीएम ने बताया कि भारत के 90 प्रतिशत छोटे किसान, जिनके पास सीमित भूमि है, भारत की खाद्य सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत हैं।

श्री अन्न: जलवायु परिवर्तन और पोषण की चुनौती का समाधान

पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और जल की कमी की चुनौती के साथ-साथ पोषण समस्या का समाधान प्रस्तुत करते हुए श्री अन्न (मोटा अनाज) को सुपरफूड के रूप में पेश किया। उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया और देश के मोटा अनाज को वैश्विक समुदाय के साथ साझा करने की इच्छा जताई। उन्होंने मणिपुर, असम और मेघालय के काले चावल के औषधीय गुणों को रेखांकित किया।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, सम्मेलन के अध्यक्ष प्रोफेसर मतीन कायम और डेयर के सचिव एवं आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक सहित अन्य प्रमुख गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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