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Friday, August 22, 2025

तेलंगाना में फैक्ट्री विस्फोट: लापता नौ श्रमिकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण, खोज जारी

इंडियातेलंगाना में फैक्ट्री विस्फोट: लापता नौ श्रमिकों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण, खोज जारी

तेलंगाना के पशम्यलारम में सिगाची इंडस्ट्रीज के फार्मा प्लांट में विस्फोट की त्रासदी

तेलंगाना के पशम्यलारम में सिगाची इंडस्ट्रीज के फार्मा प्लांट में हुए भयंकर विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना में नौ लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से पांच श्रमिक ओडिशा के हैं। विस्फोट के बाद चार शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि अन्य शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण का सहारा लिया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो घटनास्थल का दौरा करेगी।

कब और कहाँ हुआ यह हादसा?

यह दुखद घटना एक सप्ताह पहले, यानी[तारीख]को घटित हुई थी, जब प्लांट में काम कर रहे श्रमिक अचानक विस्फोट का शिकार हो गए। विस्फोट के समय प्लांट में 143 लोग काम कर रहे थे। हादसे के बाद से अब तक 40 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। लापता लोगों में अधिकांश युवा श्रमिक शामिल हैं, जो अपने परिवारों के लिए काम कर रहे थे।

लापता श्रमिकों की पहचान और बचाव कार्य

स्थानीय एसपी पंकज ने बताया कि लापता श्रमिकों की पहचान के लिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मलबा हटाने का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और हमें उम्मीद है कि आगे किसी शव के मिलने की संभावना नहीं है।” लापता श्रमिकों में ओडिशा के चार लोग शामिल हैं, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है, जबकि पांच अन्य श्रमिक अभी भी लापता हैं। उनके रिश्तेदार घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और डीएनए नमूनों का मिलान करने के लिए तैयार हैं।

घायलों की स्थिति

घायलों की संख्या में शामिल गंजम जिले के समीर पाधी, भद्रक के चंदन कुमार नायक, नबरंगपुर के नीलांबर भद्रा और चित्रसेन बत्रा की हालत गंभीर बनी हुई है। समीर पाधी को 35 प्रतिशत जलने के कारण आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

सरकार की कार्रवाई और जांच

तेलंगाना सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जिसमें सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के एमेरिटस वैज्ञानिक डॉ. बी वेंकटेश्वर राव की अध्यक्षता में टीम बनाई गई है। टीम को एक महीने के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें विशिष्ट सुझाव और सिफारिशें शामिल होंगी।

सामाजिक और मानवीय प्रभाव

इस घटना ने न केवल फैक्ट्री के श्रमिकों और उनके परिवारों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे राज्य में चिंता और दहशत का माहौल बना दिया है। स्थानीय प्रशासन ने मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है, जिससे उन्हें कठिनाइयों का सामना करने में मदद मिल सके। ओडिशा के परिवार निदेशालय के विशेष कार्य अधिकारी प्रीतिश पांडा ने कहा है कि मृतक श्रमिकों के शवों को उनके पैतृक स्थानों पर भेज दिया जाएगा।

आगे का रास्ता

इस दुखद घटना के बाद, लोगों की सुरक्षा और कारखानों की सुरक्षा मानकों के पालन पर ध्यान देना आवश्यक हो गया है। ऐसे मामलों में लापरवाही और असुरक्षित स्थितियों के कारण होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए राज्यों को कड़े कदम उठाने होंगे। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी उद्योगों में सुरक्षा मानकों का पालन हो, ताकि भविष्य में ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसों से बचा जा सके।

इस किस्म की घटनाएं पहले भी कई बार हुई हैं, लेकिन हर बार सबक लेने के बजाय हम फिर से वही गलतियाँ करते हैं। हमें अपनी सुरक्षा के मानकों को सख्त करना होगा ताकि हम भविष्य में ऐसे हादसों से बच सकें।

 

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