28.1 C
Delhi
Friday, August 22, 2025

दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले के रेनोवेशन पर उठ रहे सवाल: एक नजर अनोखे टेंडर पर

इंडियादिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले के रेनोवेशन पर उठ रहे सवाल: एक नजर अनोखे टेंडर पर

क्या है टेंडर विवाद? जानिए पूरी कहानी

दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले के रेनोवेशन के लिए एक टेंडर जारी किया है, जो कि 60 लाख रुपये का है। इसके तहत बंगलों में इलेक्ट्रिकल और इंटीरियर्स से जुड़े कार्य किए जाएंगे। इस टेंडर को लेकर दिल्ली में राजनीतिक हलचलें तेज हो गई हैं। विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर सवाल उठाते हुए उन्हें घेरा है। आप ने इस बंगले का नाम ‘माया महल’ रख दिया है, और इसका मजाक उड़ा रहे हैं।

दिल्ली की राजनीति में यह मामला अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बंगलों के रेनोवेशन के खर्च और उसकी आवश्यकता को लेकर उठने वाले सवालों को उजागर करता है। इस रेनोवेशन का खर्च केवल अधिकतर इलेक्ट्रिकल और इंटीरियर्स कार्यों पर केंद्रित है, जिसमें अनेक सुविधाएं शामिल हैं।

रेखा गुप्ता का बंगला: किसका है यह?

दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को दो बंगले आवंटित किए गए हैं। इनमें से बंगला नंबर-1 मुख्य निवास होगा, जबकि बंगला नंबर-2 को कैंप ऑफिस के रूप में प्रयोग किया जाएगा। बंगला नंबर-1, जो कि पहले दिल्ली के उपराज्यपाल का दफ्तर था, में कमरों को क्यूबिकल्स में बांट दिया गया था। ऐसे में रेखा गुप्ता के लिए इसे अपने निवास में बदलने के लिए व्यापक रेनोवेशन की आवश्यकता थी।

इस बंगले में चार बेडरूम, ड्रॉइंग रूम, बिजनेस हॉल, आगंतुक हॉल जैसे कई आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। रेनोवेशन के दौरान, पीडब्ल्यूडी ने यह सुनिश्चित किया है कि यह परिसर आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से सुसज्जित हो, ताकि मुख्यमंत्री और उनके परिवार को रहने में कोई परेशानी न हो।

रेनोवेशन का टेंडर: खर्च की बारीकियां

टेंडर के अनुसार, कुल 60 लाख रुपये में अधिकतर खर्च इलेक्ट्रिकल कार्यों, इंटीरियर्स और विभिन्न उपकरणों में होगा। इस रेनोवेशन के तहत 14 एसी, 5 स्मार्ट टीवी, 115 डेकोरेटिव लाइट्स, 6 गीजर और अन्य आवश्यक उपकरण लगाए जाने हैं।

उदाहरण के लिए, 2 टन वाले एसी का खर्च 7.7 लाख रुपये, स्मार्ट टीवी का खर्च 9.3 लाख रुपये और लाइट्स का खर्च 6.03 लाख रुपये तय किया गया है। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए 14 सीसीटीवी लगाने का भी प्रावधान है।

इस परिप्रेक्ष्य में, सवाल उठते हैं कि क्या यह अत्यधिक खर्च वास्तव में उचित है या यह धन का दुरुपयोग है? इस बारे में राजनीतिक दलों का कहना है कि ऐसे खर्चों को जनहित में नहीं देखा जा सकता।

पार्टी का आरोप और विवाद का विस्तार

आम आदमी पार्टी (आप) ने इस टेंडर को लेकर एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने इसे ‘भ्रष्टाचार का नया उदाहरण’ बताया है। पार्टी ने कहा है कि इस तरह के खर्च आम जनता के धन का दुरुपयोग है। वहीं, कांग्रेस ने भी रेखा गुप्ता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि वास्तव में रेनोवेशन की आवश्यकता थी, तो क्या इस खर्च का औचित्य समझा जा सकता है?

इस प्रकार के आरोपों और चर्चा के चलते यह मामला दिल्ली की राजनीतिक संवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। विपक्षी दलों द्वारा रेखा गुप्ता को जवाबदेह ठहराने की कोशिशें जारी हैं।

सुविधाएं और उनकी आवश्यकता

रेखा गुप्ता के बंगले में जो सुविधाएं लगाई जा रही हैं, उनमें ओटीजी, डिश वॉशर, गैस स्टोव, माइक्रोवेव और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण शामिल हैं। इनकी कुल लागत करीब 3.5 लाख रुपये तक आंकी गई है। इस प्रकार, रेनोवेशन के तहत लगाए जाने वाले सभी उपकरणों की गिनती एक लंबी सूची में होती है।

अधिकांश लोग यह सोच रहे हैं कि क्या इस तरह के खर्चों की सच में आवश्यकता है? क्या ये सभी उपकरण और सुविधाएं रेखा गुप्ता की वास्तविक जीवनशैली से मेल खाती हैं?

सीसीटीवी और सुरक्षा उपाय

जिस प्रकार से दिल्ली में सुरक्षा मुद्दे बढ़ते चले जा रहे हैं, उसे देखते हुए इसमें 14 सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। इन कैमरों का खर्च 5.73 लाख रुपये है। सुरक्षा के इस उपाय को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या केवल एक बंगले के लिए इतना खर्च उचित है?

सामाजिक प्रतिक्रिया और भविष्य की दिशा

इस टेंडर को लेकर सामाजिक प्रतिक्रिया भी मिश्रित रही है। कई लोग इसे अनावश्यक खर्च मानते हैं, जबकि कुछ इसे सरकार की आवश्यकता बताते हैं। लेकिन, बुनियादी सवाल यह है कि क्या सरकारी खर्च का उचित हिसाब किताब रखते हुए जनता के धन का सही उपयोग किया जा रहा है?

दिल्ली के निवासी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। विपक्षी दलों के आरोपों के बीच रेखा गुप्ता ने इसे ‘राजनीतिक ड्रामा’ का हिस्सा बताया है। परंतु अब देखने की बात होगी कि क्या अगले दिनों में कोई ठोस रवैया सामने आता है या नहीं।

आगे का रास्ता

इस विवाद के चलते भी रेखा गुप्ता के रेनोवेशन पर कोई ठोस निर्णय लेने के लिए आगे बढ़ना सबसे अहम होगा। क्या वे इस विवाद को सुलझा पाएंगी या इसका असर उनके राजनीतिक करियर पर पड़ेगा, यह समय बताएगा।

 

अस्वीकृति
हमने यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है कि इस लेख और हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर दी गई जानकारी सटीक, प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त हो। यदि आपके पास कोई सुझाव या शिकायत हो, तो कृपया हमसे info@hamslive.com पर संपर्क करें।

 

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles