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Friday, August 22, 2025

भारत-यूके एफटीए: किसानों से लेकर आम लोगों तक, सभी को मिलेगा लाभ, जानें किन चीजों की कीमतें होंगी कम

इंडियाभारत-यूके एफटीए: किसानों से लेकर आम लोगों तक, सभी को मिलेगा लाभ, जानें किन चीजों की कीमतें होंगी कम

भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का ऐतिहासिक समझौता

भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर हो गए हैं। इस समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की उपस्थिति में लंदन में गुरुवार को दस्तखत किए गए। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड ने इस समझौते को अंतिम रूप दिया। तीन वर्षों की बातचीत के बाद, यह एग्रीमेंट एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। पीएम मोदी ने इसे ऐतिहासिक करार देते हुए खुशी जताई है। हालांकि, इस समझौते को अभी ब्रिटिश संसद से मंजूरी मिलनी बाकी है, जिसमें 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग सकता है।

एफटीए का उद्देश्य और प्रभाव

इस समझौते से भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर टैरिफ में राहत मिलेगी। इसका मतलब है कि भारतीय उत्पादों पर लगने वाला आयात शुल्क कम हो जाएगा या पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। यह न केवल व्यापारियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि आम आदमी के लिए भी लाभकारी साबित होगा। ब्रिटेन की कंपनियों को भी अब भारत में व्हिस्की, कार, और अन्य उत्पादों को बेचने में अधिक आसानी होगी। भारत इन उत्पादों पर टैरिफ को 15 प्रतिशत से घटाकर 3 प्रतिशत करेगा। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार हर साल करीब 3 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है, जिससे युवाओं को बेहतर रोजगार के मौके मिलेंगे।

किसानों और व्यापारियों को लाभ

भविष्य में, यह फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारतीय किसानों के लिए नई संभावनाएं उत्पन्न करेगा। विशेष रूप से, उच्च मूल्य वाली कृषि उत्पादों जैसे बासमती चावल, आम, चाय, और समुद्री खाद्य सामग्री के लिए ब्रिटेन के बाजार में नए अवसर मिलेंगे। कृषि के क्षेत्र में निर्यात बढ़ने से भारत से ब्रिटेन को होने वाले उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी। इसके अलावा, टेक्सटाइल, समुद्री उत्पाद, रसायन, इलेक्ट्रॉनिक्स, और फार्मास्युटिकल्स जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों पर 8 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक के शुल्क को खत्म किया जाएगा।

क्या सस्ता होगा?

इस समझौते के बाद ब्रिटेन से आने वाले कई उत्पाद अब सस्ते मिलेंगे। उदाहरण के लिए:
– ब्रिटिश शराब और वाइन पर टैरिफ कम होगा, जिससे ये पहले से सस्ती होंगी।
– लग्जरी कारें अब कम दाम में मिल सकती हैं।
– ब्रांडेड कपड़े, फैशन उत्पाद और घरेलू सामान भी सस्ते हो सकते हैं।
– फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और औद्योगिक मशीनरी भी कम कीमत पर उपलब्ध होंगी।

ट्रेड एग्रीमेंट का महत्व

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) का मुख्य उद्देश्य दो या अधिक देशों के बीच सामान और सेवाओं का निर्बाध व्यापार करना है। यह व्यवसायों को सस्ती दरों पर व्यापार करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे जब लोग अधिक खरीदारी करते हैं, तो आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं। यह न केवल कंपनियों के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि इससे आम जनता को भी लाभ होता है, क्योंकि चीजें सस्ती हो जाती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का बयान

इस एग्रीमेंट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि कई वर्षों की मेहनत के बाद आज दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक व्यापार एग्रीमेंट हुआ है। भारतीय टेक्सटाइल्स, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, सी-फूड और इंजीनियरिंग गुड्स को यूके में बेहतर मार्केट एक्सेस मिलेगा। यह समझौता खासतौर पर हमारे युवाओं, किसानों, मछुआरों और छोटे और मध्यम उद्योगों के लिए लाभकारी साबित होगा।”

यूके में काम करने वाले भारतीयों के लिए भी यह समझौता फायदेमंद है। दोनों देशों ने एक डबल सोशल सिक्योरिटी कन्वेंशन पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिससे भारतीय कर्मचारियों को यूके में काम करते समय सोशल सिक्योरिटी योगदान से छूट मिलेगी। इससे रोजगारदाता और कर्मचारियों दोनों को लाभ होगा।

भविष्य की संभावनाएं

इस समझौते के चलते अगले पांच साल में व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है। भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए यह एफटीए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे दोनों देशों के नागरिकों और व्यापारियों को सीधे फायदा होगा और आर्थिक विकास की गति बढ़ेगी।

आगे की दिशा

इस समझौते से भारत में विदेशी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे नई कंपनियों के लिए भारत एक आकर्षक गंतव्य बन सकेगा। जैसा कि दोनों देशों के नेता इस समझौते को लेकर सकारात्मकता दिखा रहे हैं, यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे।

ऐसे में, अगर आप में से कोई व्यापारी या किसान हैं, तो इस समझौते का लाभ उठाने के लिए तैयार रहें। अब समय आ गया है कि भारतीय कंपनियां ब्रिटेन में प्रतिस्पर्धा करें और अपने उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रस्तुत करें।

इस ऐतिहासिक समझौते का वास्तविक प्रभाव आने वाले समय में साफ नजर आएगा, और यह भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

 

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