दिल्ली में भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी का राहुल गांधी पर हमलावर बयान
हाल ही में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग (ईसी) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए। इस पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि राहुल गांधी भारतीय राजनीति के ‘सदाबहार युवा’ हैं जो लगातार देश की संवैधानिक संस्थाओं की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने उन्हें नाजी जर्मनी के प्रचार मंत्री गोएबल्स की संज्ञा देते हुए कहा कि वह अपनी सत्ता खोने की हताशा में झूठे और बेबुनियाद बयान दे रहे हैं।
यह घटना 10 अगस्त 2025 को दिल्ली में हुई, जब सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के बंगलूरू सेंट्रल सीट पर दिए गए बयान का खंडन किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि चुनाव आयोग के आंकड़े सही नहीं हैं, तो राहुल गांधी को 1 लाख फर्जी वोटरों की जानकारी कहां से मिली?
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला
राहुल गांधी ने एक वीडियो में चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि ‘वोट चोरी’ एक व्यक्ति, एक वोट के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर हमला है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक साफ़-सुथरी मतदाता सूची आवश्यक है और चुनाव आयोग से पारदर्शिता दिखाने की मांग की। उन्होंने डिजिटल मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की बात कही ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका ऑडिट कर सकें।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “राहुल गांधी उन सीटों का जिक्र नहीं कर रहे हैं जहाँ कांग्रेस को अधिक वोट मिले हैं।” उन्होंने यह भी पूछा कि क्या कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है, तो मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं कर रहे हैं।
सुधांशु त्रिवेदी की कठोर आलोचना
ट्वीट के माध्यम से उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा, “कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन पहले से ही विदेशी, राष्ट्रविरोधी ताकतों से मिलीभगत के शक के घेरे में हैं।” उन्होंने सलाह दी कि राहुल गांधी ऐसे एनजीओ और नेताओं से मिलते हैं जो भारत विरोधी हैं, और इसी का यह परिणाम है कि कांग्रेस का यह गठबंधन विदेशी ताकतों के जरिए भारत के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर रहा है।
आगे बढ़ते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “यदि राहुल गांधी सही हैं, तो उन्होंने केवल उन क्षेत्रों का जिक्र क्यों किया जहां भाजपा आगे थी? चामराजपेट और शिवाजीनगर जैसे स्थानों का नाम क्यों नहीं लिया, जहाँ कांग्रेस को 60% से अधिक वोट मिले?”
सत्ता की हताशा की अभिव्यक्ति
सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी की तुलना गोएबल्स से करते हुए कहा, “ऐसी बयानबाजी केवल सत्ता खोने की हताशा का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह आचरण समझ से परे है, क्योंकि उन्हें भारतीय राजनीति और इसके संस्थानों की स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए।
अंत में, उन्होंने यह भी कहा कि, “राहुल गांधी को अपने बयानों का वजन समझना चाहिए और इन्हें देने से पहले अच्छे से सोचना चाहिए।”
सामाजिक मीडिया पर उठी बातें
राहुल गांधी ने ट्विटर पर भी ट्वीट किया कि चुनाव आयोग को पारदर्शिता दिखानी चाहिए। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “आप भी हमारे साथ जुड़कर इस मांग का समर्थन करें।”
इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है, जिसमें राहुल गांधी राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वास्तविकता कुछ और है।
इस तरह, यह साफ दिख रहा है कि भारत की राजनीति में अब बयानों का स्तर और भी गिर गया है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप से जनता अधिक चिंतित है। इस रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी की मांगें और भाजपा के आरोप एक नई राजनीतिक लड़ाई का संकेत हैं, जो चुनावों के नजदीक आते ही और तीव्र हो सकती है।