इंडिया ब्लॉक का संसद से चुनाव आयोग तक ऐतिहासिक मार्च, विरोध प्रदर्शन के पीछे ‘वोट चोरी’ के गंभीर आरोप
आज, 300 से अधिक सांसदों का एक बड़ा समूह, जो इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं, संसद से शुरू होकर चुनाव आयोग तक मार्च करेगा। इस विरोध प्रदर्शन का लक्ष्य उन आरोपों का विरोध करना है जो भाजपा पर मतदान में हेरफेर करने के लगाए गए हैं। सांसद सुबह 11:30 बजे संसद भवन में मकर द्वार से मार्च शुरू करेंगे, जो कि परिवहन भवन होते हुए सीधे निर्वाचन आयोग पहुंचेगा। इस प्रदर्शन में विभिन्न विपक्षी दलों के सांसद शामिल होंगे, जिसमें भाजपा और एनडीए गठबंधन के सांसद शामिल नहीं होंगे।
विपक्षी सांसदों का कहना है कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर वोटों की चोरी की है, और इस मुद्दे पर उन्हें गंभीर चिंता है। वे यह मानते हैं कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) वास्तव में मतदाताओं के हित के बजाय उनके अधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर सदन में चर्चा की मांग कर रहा है और इसे वापस लेने की अपील कर रहा है।
क्या हो रहे हैं गंभीर आरोप और प्रतिक्रिया
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस संदर्भ में ग्वालियर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि सभी बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) एक ही कमरे में ‘फर्जी फॉर्म’ भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के फर्जीवाड़े के चलते सच्चाई को छुपाया जा रहा है। दिग्विजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति का नाम कई जगहों पर नजर आ रहा है, जो मतदान केंद्रों सहित है। उन्होंने आगे कहा कि ‘राहुल गांधी ने ऐसे तथ्य सामने रखे हैं, जिन्हें कोई नकार नहीं सकता।’
साथ ही, दिग्विजय ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग यह कहता है कि कई लोग मर चुके हैं लेकिन उनके नाम अभी भी मतदाता सूची में हैं। इस सब के बीच, इंडिया ब्लॉक के सांसद आज संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे।
कर्नाटक के सीईओ ने राहुल गांधी से दस्तावेज की मांग की
इससे पहले, कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने राहुल गांधी से आरोपों की जांच के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुछ दस्तावेज पेश किए थे, जिसमें दावा किया गया था कि एक मतदाता ने दो बार मतदान किया। हालांकि, प्रारंभिक जांच में उस मतदाता ने इस आरोप का खंडन किया है।
इसके अलावा, सीईओ कार्यालय ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ मतदान अधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया था, जिससे आरोप की प्रामाणिकता पर सवाल उठते हैं।
राहुल की नई वेबसाइट और अभियान
कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ के आरोपों के खिलाफ एक नया अभियान शुरू किया है, जिसमें मिस्ड कॉल देने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की गई है। राहुल गांधी ने कहा कि यह अभियान लोकतंत्र की मूल बातें, यानी ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए एक साफ-सुथरी मतदाता सूची जरूरी है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से चुनावों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही है। उन्होंने जनता से इस मुद्दे में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि ‘हमारी मांग साफ है। पारदर्शिता दिखाएं और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करें ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका खुद ऑडिट कर सकें।’
क्या है मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)?
मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) एक प्रक्रिया है जिसके तहत निर्वाचन आयोग मतदाता सूचियों को अद्यतन करने के लिए गहन निगरानी करता है। इस प्रक्रिया के दौरान कई बार यह पाया जाता है कि कुछ मतदाता अपनी जानकारी सही ढंग से प्रस्तुत नहीं करते हैं या उनकी जानकारी अद्यतित नहीं होती है। विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के दौरान नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है और इससे लाखों लोगों के मताधिकार का हनन हो रहा है।
विपक्ष का मानना है कि कई मतदाता, खासकर जिन्हें पता नहीं है, को मतदाता सूची से हटा दिया जा रहा है। इस स्थिति ने उनके वोट डालने के अधिकार को खतरे में डाल दिया है।
भविष्य की राह
अगले कुछ दिनों में, यह देखना दिलचस्प होगा कि इंडिया ब्लॉक के इस मार्च का क्या प्रभाव पड़ेगा। क्या ये आरोप चुनाव आयोग और भाजपा के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई का कारण बनेंगे, या फिर ये सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा रह जाएगा? विपक्ष ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है, और आज का मार्च इसका एक बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा, चुनाव आयोग के सामने दिग्विजय सिंह और राहुल गांधी के द्वारा उठाए गए मुद्दे, इस बात को दिखाते हैं कि मतदाता का सम्मान और अधिकार एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।